facebookmetapixel
Assam Earthquake: असम में 5.9 तीव्रता का भूकंप, गुवाहाटी में मची अफरा-तफरी, लोग घरों से बाहर निकलेसिर्फ एक फंड से टाटा-बिड़ला से लेकर अंबानी-अदाणी तक के शेयरों में करें निवेश, जानें कैसे काम करते हैं कांग्लोमरेट फंडPM मोदी ने असम में ₹18,530 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी, बायोएथेनॉल, पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का किया शुभारंभTata Capital ला रहा ₹17,000 करोड़ का बड़ा IPO, IFC की हिस्सेदारी बेचकर कमाएगा 13 गुना मुनाफाशेयर बाजार में मचेगी धूम! अगले दो-तीन हफ्तों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां लाएंगी IPO, जुटाएंगी ₹10,000 करोड़इंश्योरेंस सेक्टर में 100% FDI का रास्ता साफ? संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है विधेयकपीएम मोदी ने असम को दी ₹6,300 करोड़ की स्वास्थ्य और इन्फ्रा परियोजनाओं की सौगातUP: कन्नौज का आनंद भवन पैलेस बना उत्तर प्रदेश का पहला लग्जरी हेरिटेज होमस्टेMCap: बाजाज फाइनेंस की मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त, 8 कंपनियों का कुल मूल्य ₹1.69 ट्रिलियन बढ़ाMarket Outlook: इस सप्ताह US Fed की नीति और WPI डेटा पर रहेगी नजर, बाजार में दिख सकती है हलचल

भारतीय कारोबारियों ने किए चीनी निर्यात के अग्रिम सौदे

Last Updated- December 12, 2022 | 2:17 AM IST

देसी कारोबारियों ने पहली बार शिपमेंट के 5 महीने पहले चीनी निर्यात के सौदे किए हैं। ब्राजील में चीनी के उत्पादन में गिरावट की संभावना से खरीदारों को दक्षिण एशिया के देश से अग्रिम में आपूर्ति सुनिश्चित करना पड़ा है। कारोबार से जुड़े 5 सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।
विश्व के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और निर्यातक ब्राजील में सूखे की वजह से चीनी के उत्पादन में कमी आने की संभावना है क्योंकि वहां गन्ने की फसल खराब हो गई है। कारोबारियों ने कहा कि उत्पादन मेंं संभावित गिरावट की वजह से चीनी की कीमत पहले ही 3 साल के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गई है और इससे खरीदारों को पहले ही भारत से आपूर्ति सुनिश्चित करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।
उन्होंने कहा कि अब तक कारोबारियों ने दिसंबर और जनवरी में 5 लाख टन कच्ची चीनी के शिपमेंट के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसकी कीमत फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) आधार पर 435 से 440 डॉलर प्रति टन है।
एमईआईआर कमोडिटीज इंडिया के प्रबंध निदेशक राहिल शेख ने कहा, ‘मिलें 3-4 महीने बाद उत्पादन शुरू करेंगी, लेकिन ट्रेडर्स ने नए सीजन की कच्ची चीनी की बिक्री दिसंबर-जनवरी की शिपमेंट के लिए अग्रिम में की है।’
चार अन्य सूत्रों ने निर्यात समझौतों की पुष्टि की है, लेकिन कंपनी की नीति के कारण अपना नाम देने से मना कर दिया।
भारत के कारोबारी सामान्यतया एक या दो महीने पहले कॉन्टै्रक्ट करते हैं और यह समझौते तभी होते हैं, जब सरकार चीनी के विदेश में बिक्री पर निर्यात सब्सिडी की घोषणा कर देती है।

First Published - July 30, 2021 | 12:09 AM IST

संबंधित पोस्ट