कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने आज कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए कृषि व उससे संबंधित क्षेत्र को 5 प्रतिशत की सालाना दर से वृद्धि करने की आवश्यकता है। चौहान ने खुलासा किया कि कृषि योग्य जमीन में 93 प्रतिशत पर अनाज की पैदावार की जाती है लेकिन इसकी वृद्धि दर महज 1.5 प्रतिशत है।
उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों की सालाना कॉन्फ्रेंस के इतर कहा, ‘हम फसलों की पैदावार के अंतर को पाटने और राष्ट्रीय औसत पैदावार हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यदि हमें वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों में सालाना 5 प्रतिशत की दर से बढ़ना होगा।’
मंत्री ने उम्मीद जताई कि पांच प्रतिशत सालाना वृद्धि दर हासिल की जा सकती है। इस प्रयास को हासिल करने में विभिन्न कृषि संस्थान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, ‘कृषि उत्पादन को बढ़ाने और लागत घटाने में शोध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारा लक्ष्य कृषि क्षेत्र में सालाना 5 प्रतिशत की दर से वृद्धि को कायम रखना है। हमारा प्रयास यह है कि इस इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी शोध संस्थान एकजुट होकर कार्य करें।’ चौहान ने इंगित किया कि भारत की पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र अनिवार्य रूप से 1 लाख करोड़ रुपये डॉलर को अनिवार्य रूप से हासिल करे।’ उन्होंने खेती से होने वाले निर्यात को हालिया छह प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की जरूरत पर जोर दिया। मंत्री ने बताया कि कृषि के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.4 प्रतिशत नवोन्मेष और शोध पर खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘हमने निवेश बढ़ाकर कृषि जीडीपी का एक प्रतिशत करने पर भी चर्चा की।’
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज कहा कि सरकार ने इस साल अब तक 290 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा है और रिकॉर्ड उत्पादन के चलते यह आंकड़ा 320-325 लाख टन तक भी पहुंच सकता है। सरकार का गेहूं खरीद का शुरुआती लक्ष्य 315 लाख टन था और इसे बढ़ाकर करीब 330 लाख टन किया गया है।
भारत में फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में 11.53 करोड़ टन गेहूं की रिकॉर्ड फसल होने का अनुमान है। गेहूं निर्यात की अनुमति दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि खरीद सत्र समाप्त होने के बाद स्टॉक की स्थिति का आकलन करने के बाद वह इस मुद्दे पर अन्य मंत्रालयों से परामर्श करेंगे।