देश की दो बड़ी दिग्गज एल्युमिनियम कंपनी हिंदुस्तान एल्युमिनियम कंपनी (हिंडाल्को) और भारत एल्युमिनियम कंपनी (बाल्को) ने इसी मई से प्रभावी होने वाले नए मूल्य निर्धारण प्रणाली की शुरुआत की है।
अब तांबे की तरह एल्युमिनियम उत्पाद की कीमत भी महीने के आखिर में तय की जाएगी। इससे हिंडाल्को और बाल्को से सौदा करने वाले खरीदारी के समय एल्युमिनियम के भाव से अनजान ही रहेंगे।
एक कारोबारी का कहना है कि इस प्रणाली के लागू होने से एल्युमिनियम उत्पाद की कीमत तय करने में अनिश्चितता पहले की तुलना में बढ़ जाएगी। उसके अनुसार, मूल्य निर्धारण की यह पद्धति कुछ जटिल है और उपभोक्ताओं को उत्पाद की अंतिम कीमत ही अदा करनी होगी। जबकि उत्पाद की अंतिम कीमत का पता केवल महीने के आखिर में ही चल सकेगा।
बाजार सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही दिग्गज कंपनियां एल्युमिनियम की मौजूदा कीमत को दुनिया के सबसे बड़ी क्षार धातु एक्सचेंज लंदन मेटल एक्सचेंज से पहले से कहीं ज्यादा जोड़ दिया है। इससे पहले, एल्युमिनियम उत्पादों की कीमत का निर्धारण लंदन मेटल एक्सचेंज में पिछले 5 दिनों में इसकी कीमत और मुद्रा के व्यवहार से होता रहा है।
इसके अलावे, घरेलू बाजार की मांग और आपूर्ति की स्थिति और किराए आदि को देखते हुए 20 से 100 डॉलर का प्रीमियम रखा जाता था। इससे एल्युमिनियम उत्पाद की अंतिम समय में खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं को सहूलियत होती थी क्योंकि उन्हें एल्युमिनियम का खरीद मूल्य पता हो जाता था।
अब इन निर्माताओं ने तय किया है कि एल्युमिनियम उत्पादों की घरेलू कीमत को लंदन मेटल एक्सचेंज से जोड़ दिया जाए। ऐसा पिछले महीने की इसकी औसत कीमत, मुद्रा में हो रहे परिवर्तन, किराया, प्रीमियम आदि की गणना करके किया जाएगा।
हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नैशनल एल्युमिनियम कंपनी (नाल्को) ने फैसला किया है कि वो इस भेड़चाल में शामिल नहीं होगी। अभी तक तो उसके ग्राहक मौजूदा प्रणाली से ही संतुष्ट हैं। नाल्को के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब उत्पाद की मौजूदा निश्चित मूल्य प्रणाली से ही ग्राहक खुश हैं तो फिर उन्हें अनिश्चितता में डालने की जरूरत क्या है।
आखिरकार, निश्चित मूल्य प्रणाली से ग्राहकों को अपने उत्पाद की कीमत तय करने में मदद मिलेगी। नाल्को अपनी कीमत की समीक्षा हरेक महीने करता है। यह अपने ग्राहकों को एल्युमिनियम की आपूर्ति अग्रिम भुगतान और किसी प्रतिष्ठित बैंक का साख पत्र (लेटर ऑफ क्रेडिट) देने पर ही करता है। हालांकि नाल्को के अधिकारियों ने इस परिवर्तन की न तो पुष्टि की है और न ही इसे खारिज किया है। पर बाल्को के एक अधिकारी ने बताया कि इस परिवर्तन से मूल्य निर्धारण प्रणाली और ज्यादा पारदर्शी बनेगा।