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वैश्विक कंपनियों को नहीं भा रहा पंजाबी गेहूं

Last Updated- December 10, 2022 | 10:26 PM IST

दुनिया की कृषि व्यापार संस्थाओं मसलन कारगिल ग्लेनकोर और ऑस्ट्रेलियन व्हीट बोर्ड (एडब्ल्यूबी) गेहूं का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्यों, पंजाब और हरियाणा से इस रबी सीजन में गेहूं की खरीद नहीं कर सकती है।
इसकी वजह यह है इन राज्यों में बहुत ज्यादा कर लगाया जा रहा है वही दूसरे राज्यों में में गेहूं की कीमतें भी कम है। पिछले साल के मुकाबले इस बार राज्य की फ्लोर मिलें भी गेहूं की ज्यादा खरीदारी नहीं करेंगी क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा है कि पूरे साल गेहूं इसी समान दर पर मौजूद रहेगा।
पंजाब के एक बड़े कारोबारी राज सूद कारगिल, एडब्ल्यूबी और ग्लेनकोर की ओर से गेहूं की खरीदारी करते हैं, उनका कहना है, ‘इस सीजन में लगभग पूरी गेहूं की फसल की खरीद पंजाब और हरियाणा से राज्य की एजेंसियां और एफसीआई करेगी।
दूसरी निजी कंपनियों के लिए यह खरीदारी उतनी सार्थक नहीं रहेगी क्योंकि गेहूं बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे दूसरे राज्यों में बहुत सस्ते दर में मिल सकती है।’ वर्ष 2009-10 में गेहूं की खरीद का सीजन 1 अप्रैल से शुरू होगा।
राज का कहना है कि पिछले दो सालों से कारगिल, एडब्ल्यूबी और ग्लेनकोर जैसी निजी कंपनियां पंजाब और हरियाणा से गेहूं की खरीदारी से बच रही हैं। उन्होंने इसके लिए पंजाब और हरियाणा से गेहूं की खरीद पर लगाए जाने वाले ज्यादा कर ढांचे को ही जिम्मेदार ठहराया।

First Published - March 31, 2009 | 10:47 PM IST

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