facebookmetapixel
Power of ₹10,000 SIP: बाजार के पीक पर जिसने शुरू किया, वही बना ज्यादा अमीर!थाईलैंड में बढ़ा निवेशकों का भरोसा, इंडोनेशिया से तेजी से निकल रही पूंजी15 सितंबर को वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट देगा अंतरिम आदेशAmazon Now बनाम Blinkit-Swiggy: कौन जीतेगा भारत में Quick Commerce की जंग?Adani Group की यह कंपनी बिहार में करेगी $3 अरब का निवेश, सोमवार को शेयरों पर रखें नजर!Stock Split: अगले हफ्ते तीन कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, निवेशकों को मिलेगा बड़ा फायदा; जानें रिकॉर्ड डेटCBIC ने कारोबारियों को दी राहत, बिक्री के बाद छूट पर नहीं करनी होगी ITC वापसी; जारी किया नया सर्कुलरNepal Crisis: नेपाल में अगला संसदीय चुनाव 5 मार्च 2026 को होगा, राष्ट्रपति ने संसद को किया भंगट्रंप का नया फरमान: नाटो देश रूस से तेल खरीदना बंद करें, चीन पर लगाए 100% टैरिफ, तभी जंग खत्म होगी1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! ऑटो सेक्टर से जुड़ी इस कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट तय

अप्रैल-मई में रत्न व आभूषण का निर्यात 84 फीसदी घटा

Last Updated- December 15, 2022 | 12:38 PM IST

वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन के कारण अप्रैल व मई 2020 में भारत के रत्न व आभूषण निर्यात में 83.68 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट दर्ज हुई। लॉकडाउन के कारण कारोबार पर काफी ज्यादा असर पड़ा।
रत्न व आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद की तरफ से संकलित आंकड़ों में कहा गया है कि रत्न व आभूषण का सकल निर्यात अप्रैल व मई 2020 में घटकर 57.21 करोड़ डॉलर का रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 350.6 करोड़ डॉलर का रहा था।
परिषद के वाइस चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा, कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए हुए वैश्विक लॉकडाउन से निर्यात प्रभावित हुआ। चीन, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया से कीमती आभूषण की मांग सुधर रही है। लेकिन खाड़ी देशों का बड़ा हिस्सा और अमेरिका अभी भी कोरोना से जूझ रहा है।
कटे व पॉलिश किए गए हीरों का सकल निर्यात अप्रैल-मई 2020 में 79.17 फीसदी घटकर 38.90 करोड़ डॉलर रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 186.7 करोड़ डॉलर रहा था।
सोने के आभूषण का निर्यात इस अवधि में 92.62 फीसदी घटकर 8.38 करोड़ डॉलर का रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 113.5 करोड़ डॉलर का रहा था।
आश्चर्यजनक रूप से चांदी के आभूषण का निर्यात इस अवधि में 2.7 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 8.56 करोड़ डॉलर का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 8.80 करोड़ डॉलर रहा था।
शाह ने कहा, उद्योग में धीमी रफ्तार से सुधार हो रहा है और सुरक्षा के सभी नियमों का पालन हो रहा है। अगर क्रेडिट की उपलब्धता और कारोबारी सुगमता पर तेज गति से प्रगति होती तो रिकवरी में और तेजी आती।

First Published - June 17, 2020 | 12:15 AM IST

संबंधित पोस्ट