प्याज की कीमत में गिरावट से नाराज किसानों ने गुरुवार को देश के सबसे बड़े प्याज के थोक बाजार लासलगांव में नीलामी कुछ देर के लिए रोक दी। महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित इस मंडी से देश में बड़े पैमाने पर प्याज की आपूर्ति होती है। कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) के अधिकारियों ने कहा कि किसानों ने प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने की मांग के साथ इस उत्पाद पर 1,000 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल सहायता दिए जाने की मांग की है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर प्याज निर्यात पर लगे 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क को खत्म करने और प्याज उत्पादकों को राहत देने की मांग की है। पिछले कुछ दिन से प्याज की कीमत में कमी आ रही है। बहरहाल अधिकारियों ने कहा कि लासालगांव एपीएमसी में प्याज की कीमत बहुत ज्यादा गिरी, जिसके कारण किसानों ने नीलामी रोक दी और गुरुवार को विरोध दर्ज कराया। गुरुवार को एपीएमसी में नीलामी के लिए करीब 1,500 वाहनों पर प्याज आया।
सुबह प्याज की न्यूनतम कीमत 800 रुपये प्रति क्विंटल और अधिकतम 2,900 प्रति क्विंटल रही और अधिकारियों के मुताबिक औसत कीमत 1,900 रुपये प्रति क्विंटल रही। नीलामी शुरू होते ही नीलामी कराने वालों ने 1,200 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव घोषित कर दिए। इससे नाराज किसानों ने नीलामी रोक दी। बाद में भाव थोड़ा सुधरा। अधिकारियों ने कहा कि करीब आधे घंटे बाद विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया गया और नीलामी फिर से शुरू हो गई।
उधर गोयल को लिखे गए पत्र में पवार ने नासिक के किसानों को हो रही समस्याओं का उल्लेख किया। पवार ने लिखा, ‘नासिक के प्याज उत्पादक भारत के अन्य राज्यों को प्याज उपलब्ध कराते हैं और बड़ी मात्रा में निर्यात भी करते हैं। अभी गर्मी वाली प्याज की फसल खत्म हो गई है और महाराष्ट्र के विभिन्न बाजारों में नया प्याज पहुंच रहा है।’
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर प्याज आने से किसान तनाव में हैं और उन्हें बहुत कम दाम पर प्याज बेचना पड़ रहा है और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है।