विश्लेषकों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट अस्थायी हो सकती है, क्योंकि उन्हें अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट पूरी तरह दूर होने पर तेल कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।
कच्चे तेल की कीमत एक सप्ताह पहले के 80.6 डॉलर प्रति बैरल से 10 प्रतिशत घटकर 72.4 डॉलर पर रह गई हैं।
तेल बाजारों के बारे में विश्लेषण मुहैया कराने वाली सिंगापुर स्थित वंदा इनसाइट्स की संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) वंदना हरि के अनुसार, पिछले सप्ताह के दौरान कच्चे तेल में गिरावट को बैंकिंग संकट की वजह से जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों से भारी बिकवाली की वजह से बढ़ावा मिला था।
उन्होंने कहा, ‘बैंकिंग घटनाक्रम से वित्तीय संकट और/या मंदी को बढ़ावा मिल रहा है। कच्चे तेल पर दबाव कितने समय तक रहेगा, यह घटनाक्रम पर निर्भर करेगा।पहला, प्रतिफल स्थायित्व और बैंकिंग क्षेत्र (खासकर अमेरिका और यूरोप) में निवेशकों का भरोसा और फेड की दर वृद्धि तथा बुधवार को पॉवेल की प्रतिक्रिया।’
अमेरिका में बैंकिंग क्षेत्र पर ताजा संकट सिलिकन वैली बैंक (एसवीबी), सिल्वरगेट कैपिटल और सिग्नेचर बैंक बंद होने के साथ शुरू हुआ है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने भी अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली पर अपना आउटलुक ‘स्टैबल’ से घटाकर ‘निगेटिव’ कर दिया है। मूडीज ने इसके लिए इन बैंकों में जमाओं में तेज निकासी का हवाला दिया, जिससे एक सप्ताह से भी कम समय में इन दिग्गज बैंकों को बंद करने की नौबत पैदा हो गई।
यूरोप में, यूबीएस द्वारा सरकार की मध्यस्थता वाले सौदे के तहत करीब 3.25 अरब डॉलर में संकटग्रस्त प्रतिस्पर्धी क्रेडिट सुइस खरीदने पर सहमति जताने के बाद हालात नियंत्रण में आए। रिपोर्टों के अनुसार, रिपोर्टों के अनुसार, क्रेडिट सुइस 30 प्रमुख वित्तीय संस्थानों में शामिल है और उसे वैश्विक तौर पर प्रमुख बैंक के तौर पर जाना जाता है।
राबोबैंक इंटरनैशनल में वरिष्ठ ऊर्जा रणनीतिकार जोए डीलाउरा का मानना है कि सिलिकन वैली बैंक/सिग्नेचर बैंक संकट का तेल कीमतों में इस भारी बिकवाली में बड़ा योगदान रहा है, क्योंकि कारोबारियों ने अर्थव्यवस्था में कमजोरी आने और मंदी गहराने की आशंका जताई है।
उनका कहना है कि जब बैंकिंग संकट दूर हो जाएगा, कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा स्तरों से धीरे धीरे सुधरने लगेंगी। वंदा इनसाइट्स की वंदना हरि को तेल कीमतें 2023 के अंत तक करीब 18 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, ‘अगले 6-8 महीने में कच्चे तेल की कीमतों का अनुमान लगाना कठिन है। बैंकिंग संकट समाप्त होने और आर्थिक परिदृश्य फिर से सप्ताहभर पहले जैसा होने पर हमें कच्चे तेल की कीमतें 2023 के अंत तक 75-85 डॉलर के दायरे में पहुंचने का अनुमान है।’
इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम के अनुसार मुद्रास्फीति में नरमी, बैंकिंग प्रणाली में ताजा पूंजी आने और दर वृद्धि चक्र की समाप्ति से 2024 से आर्थिक सुधार को मजबूती मिलेगी। उनका मानना है कि इससे कच्चे तेल की कीमतें चढ़ेंगी।
राबोबैंक इंटरनैशनल का मानना है कि तेल के लिए चीन की मांग गर्मी के मौसम में बढ़ेगी।