भारत के कमोडिटी डेरिवेटिव बाजारों में जल्द ही को-लोकेशन सुविधा मिल सकती है। इस कदम से दक्षता और तरलता में इजाफा होगा तथा वैश्विक एक्सचेंजों और इक्विटी बाजारों के साथ तालमेल बनेगा। सूत्रों के मुताबिक बाजार नियामक सेबी की जिंस डेरिवेटिव सलाहकार समिति कमोडिटी सेगमेंट में को-लोकेशन सुविधा दिए जाने पर सक्रियता से विचार कर रही है।
इक्विटी में व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाली को-लोकेशन सुविधा ट्रेडिंग सदस्यों को अपने सिस्टम को एक्सचेंज सर्वर के पास रखने की अनुमति देती है। उद्योग के प्रतिभागियों का मानना है कि पारदर्शी इक्विटी मार्केट को-लोकेशन मॉडल को कमोडिटी के लिए कारगर तरीके से लागू किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) ने 2023 की अंतिम तिमाही में टीसीएस समर्थित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर अपना सफल प्रौद्योगिकी परिवर्तन किया है और अब वह को-लोकेशन सेवा देने के पक्ष में है।