भारतीय आम के बढ़ते निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, नवीनतम तकनीक और आवश्यक मानव शक्ति का उपयोग करके वाशी में विकिरण सुविधा को तेज गति से संचालित किया जाएगा। पिछले साल, इस सुविधा से रिकॉर्ड संख्या में आमों का निर्यात किया गया था। निर्यात को और बढ़ाने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए वाशी विकिरण सुविधा को आठ घंटे की तीन शिफ्टों में पूरी क्षमता और जिम्मेदारी के साथ चालू रखने की योजना बनाई जाएगी। पिछले महीने इस विकिरण केन्द्र में तकनीकी खामी के बाद वहां का संचालन फिर से सामान्य कर दिया गया है।
विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने निर्देश दिया कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, नवीनतम तकनीक और आवश्यक मानव शक्ति का उपयोग करके वाशी में विकिरण सुविधा को तेज गति से संचालित किया जाएगा। अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय आमों का रिकॉर्ड निर्यात करने के लिए निर्यात योग्य फलों, विशेष रूप से आमों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में रेडिसन केंद्र की कार्यप्रणाली, निर्यात में आने वाली समस्याओं और बाधाओं पर विस्तृत चर्चा की गई ।
रावल ने कहा कि अमेरिका सहित कई देशों में भारतीय आमों की भारी मांग है। इसलिए वैश्विक बाजार में गुणवत्ता वाले फलों का निर्यात करने के लिए रेडिएशन सुविधा को आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में संचालित किया जाना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार जनशक्ति उपलब्ध कराई जाए, इसके लिए एपीडा के माध्यम से दो निरीक्षकों की नियुक्ति के लिए अमेरिकी अधिकारी को सूचित किया जाना चाहिए। जब यह सुविधा केवल आठ घंटे के लिए संचालित की गई थी, तो 900 मीट्रिक टन आमों का निर्यात किया गया था। इस वर्ष जब इसे 12 घंटे के लिए संचालित किया गया, तो रिकॉर्ड 2100 मीट्रिक टन आमों का निर्यात किया गया। अब यदि इस सुविधा को आठ घंटे की तीन शिफ्टों में चालू रखा जाए, तो हम फलों के साथ-साथ रिकॉर्ड आमों का निर्यात कर सकते हैं। इसके लिए रेडिएशन सुरक्षा अधिकारियों , प्लांट ऑपरेटरों , डोसिमेट्रिस्ट और तकनीकी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
8 और 9 मई 2025 को हुई गलतियों के कारण 10 निर्यातकों के आमों की 15 खेपें अमेरिका में ही रोक दी गईं। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होने की संभावना पैदा हो गई है। संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को कोई नुकसान न हो। आम का निर्यात महाराष्ट्र की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि ऐसी बाधाओं के कारण किसानों का आत्मविश्वास न डगमगाए।
दुनियाभर में आम के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 43 फीसदी है। भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा आम निर्यातक है और पिछले चार वर्षों में आम के निर्यात में 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल भारत 48 देशों को आम निर्यात करता है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका प्रमुख आयातक हैं।