Edible oil import: चालू तेल वर्ष के दौरान खाद्य तेल के कुल आयात में भले ही गिरावट देखी जा रही हो। लेकिन रिफाइंड तेलों के आयात में अभी भी बढ़त जारी है। तेल वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (नवंबर से जनवरी) में खाद्य तेलों के आयात में 23 फीसदी कमी आई है, जबकि इसी अवधि में रिफाइंड तेल आयात 5.53 फीसदी बढ़ा है।
इस बीच, जनवरी महीने में भी खाद्य तेलों के आयात में गिरावट दर्ज की गई है। इस साल जनवरी में 16.61 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया, जो पिछले साल जनवरी में हुए 12 लाख टन आयात से 28 फीसदी कम है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (नवंबर-जनवरी) में 36.73 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 47.73 लाख टन खाद्य तेल आयात हुए थे।
इस तरह इस तेल वर्ष की पहली तिमाही में खाद्य तेल आयात में 23 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। इस तिमाही में 6.09 लाख टन सूरजमुखी तेल और 4.90 लाख टन सोयाबीन तेल का आयात हुआ है। पिछली समान अवधि में ये आंकड़े 8.13 और 8.48 लाख टन थे।
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चालू तेल वर्ष में कुल खाद्य तेल आयात में भले ही गिरावट दर्ज की गई हो लेकिन रिफाइंड तेल आयात में वृद्धि हुई है। पहली तिमाही में 6.67 लाख टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलीन) का आयात हुआ है, जो पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में आयात हुए 6.32 लाख टन से 5.53 फीसदी ज्यादा है।
रिफाइंड तेल आयात बढ़ने के साथ इसकी हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ है। चालू तेल वर्ष की पहली तिमाही में रिफाइंड तेल की हिस्सेदारी 13 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो गई है। रिफाइंड तेल की हिस्सेदारी बढ़ने के साथ ही कच्चे तेल की हिस्सेदारी में गिरावट आई है। यह 87 फीसदी से घटकर 82 फीसदी रह गई है।