कम उत्पादन होने की चिंता से चीनी की एक्स मिल कीमत पिछले 1 महीने में करीब 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है।हालांकि इससे हिस्सेदारों में कोई बड़ी चिंता नहीं है। ग्राहकों के हिसाब से उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ समय तक खुदरा कीमत करीब 42 रुपये किलो बनी रहेगी और अगर इसके बाद कीमत में कोई बढ़ोतरी होती है तो केंद्र सरकार अतिरिक्त कोटा जारी कर सकती है।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक रबिवार को उत्तर प्रदेश में चीनी मिल पर कीमत करीब 3590 से 370 रुपये प्रति क्विंटल, महाराष्ट्र में 3320 से 3360 रुपये क्विंटल, कर्नाटक में 3295 से 3345 रुपये क्विंटल और गुजरात में 3340 से 3510 रुपये क्विंटल थी। मार्च 2023 की शुरुआत में यह सभी कीमतें 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल कम थीं।
वैश्विक स्थिति देखें तो सफेद चीनी की लंदन एक्सचेंज में कीमत करीब 662 रुपये प्रति टन (भारत में 5090 रुपये एफओबी), जबकि कच्ची चीनी की कीमत करीब 23.61 सेंट प्रति पाउंड थी।
व्यापार और उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कीमत में उछाल की बड़ी वजह 2022-23 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी के उत्पादन में संभावित कमी है, जो 365 लाख टन से घटकर 325 लाख टन रहने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसमें महज कुछ महीनों में 11 प्रतिशत के करीब गिरावट आई है।
उद्योग के अनुमानों के मुताबिक 2021-22 चीनी सत्र में चीनी का उत्पादन करीब 359 लाख टन था। इसका एक मतलब यह भी है कि अगर अंतिम उत्पादन उद्योग के अनुमान के मुताबिक भी रहता है तो 2022-23 में चीनी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रह सकता है।
उत्पादन का यह अनुमान एथनॉल के लिए चीनी भेजने के बाद का है।
उत्पादन में गिरावट की बड़ी वजह महाराष्ट्र में मॉनसून लंबे समय तक खिंचना है, जिसकी वजह से इस साल गन्ने की फसल प्रभावित हुई है। डीलरों का कहना है कि स्थानीय कीमत बढ़ने से चीनी बनाने वालों जैसे बलरामपुर चीनी, श्री रेणुका शुगर्स, डालमिया भारत शुगरऔर द्वारिकेश शुगर के मुनाफे में सुधार होगा और उन्हें किसानों को गन्ने का समय से भुगतान करने में मदद मिलेगी।
हालांकि कीमत में बढ़ोतरी से खाद्य महंगाई बढ़ने का खतरा है, जिससे सरकार अतिरिक्त चीनी निर्यात को लेकर हतोत्साहित हो सकती है।
नैशनल फेडरेशन आफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘उत्पादन में कमी आई है, वहीं गर्मियां बढ़ने के कारण बड़े ग्राहकों जैसे कन्फेक्शनरी और कोला मेकर्स कीओर से मांग बढ़ी है।’
उद्योग जगत के एक और जानकार ने कहा, ‘इस समय देश भर में औसत एक्स मिल चीनी की कीमत 33 रुपये किलो से ज्यादा चल रही है, जितने एमएसपी की मांग की जा रही है।’