facebookmetapixel
हाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपीJK Tyre का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में निर्यात हिस्सेदारी को 20% तक पहुंचाने का, यूरोपीय बाजारों पर फोकस

Cumin price: जीरे का तड़का लगाना हुआ सस्ता, महीने भर में करीब 13 फीसदी घटे दाम

निर्यात मांग कमजोर पड़ने के साथ ही इसकी बोआई बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए अब जीरे की कीमतों में मंदी का रुझान बन रहा है।

Last Updated- October 12, 2023 | 5:38 PM IST
Cumin price: Cumin seasoning became cheaper, price decreased by about 13 percent in a month

Cumin price: जीरे के भाव अब सुस्त पड़ने लगे हैं। इसकी वजह निर्यात मांग में कमी आना है। इसके साथ ही ऊंचे भाव पर घरेलू बाजार में भी स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर पड़ी है। इस साल भाव काफी अधिक रहने के कारण जीरा का रकबा बढ़ने के अनुमान से भी इसकी कीमतों में नरमी का रुख है।

महीने भर में करीब 13 फीसदी सस्ता हुआ जीरा

महीने भर में जीरा के भाव काफी टूट चुके हैं। इस माह भी इसके भाव में गिरावट देखी जा रही है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर 12 सितंबर को जीरे का अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट 61,575 रुपये के भाव पर बंद हुआ था और आज यह खबर लिखे जाने के समय 53,600 रुपये प्रति क्विंटल भाव पर कारोबार कर रहा था।

इस तरह महीने भर में जीरे के वायदा भाव करीब 13 फीसदी टूट चुके हैं। इस महीने भी इसकी कीमतों में करीब 7 फीसदी गिरावट आई है। HDFC में कमोडिटी व करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता ने बताया कि इस साल जीरे की बोआई बढ़ने की संभावना है। साथ ही ऊंचे भाव पर इसकी मांग पहले से कमजोर है। इसलिए इसकी कीमतों में गिरावट आ रही है। आगे जीरा और सस्ता होने की संभावना है।

Also read: चाय उद्योग गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है: इंडियन टी एसोसिएशन

जीरे की निर्यात मांग पड़ी सुस्त

जीरे की निर्यात मांग में सुस्ती देखी जा रही है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 57,526 टन जीरे का निर्यात हुआ है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 63,391 टन था। इस तरह इस वित्त वर्ष जुलाई तक जीरे के निर्यात में 22 फीसदी से अधिक कमी आई है।

निर्यात मांग सुस्त पड़ने के कारण भी जीरे के भाव अब नरम पड़ने लगे हैं। इस साल जीरे का रकबा भी बढ़ने का अनुमान है। इससे आगे जीरे की कीमतों में सुस्ती जारी रह सकती है। अब जीरे के वायदा भाव 60 हजार रुपये से ऊपर शायद ही जाएं, बल्कि इसके भाव 50 हजार रुपये से नीचे आ सकते हैं।

First Published - October 12, 2023 | 5:38 PM IST

संबंधित पोस्ट