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ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका के कूदने से सोने के दाम उछलने की आशंका

दुनिया में रोजाना तेल की कुल खपत के 20 प्रतिशत हिस्से की आपूर्ति प्रतिदिन होर्मुज जलडमरूमध्य (फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच का जल मार्ग) के रास्ते होती है।

Last Updated- June 22, 2025 | 10:12 PM IST
India's gold demand lags as wedding season ends, high prices deter buyers
प्रतीकात्मक तस्वीर

ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका के कूदने के बाद कच्चे तेल और सोने की कीमतें और चढ़ सकती हैं। रविवार सुबह राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं। अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने की धमकी दी है जिससे कच्चे तेल के दाम को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है।

इस बीच, ईरान की परमाणु संस्था ने कहा है कि परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद विकिरण फैलने के अब तक कोई संकेत नहीं हैं। अमेरिका ने रविवार को ईरान के केवल परमाणु ठिकानों पर ही हमले किए हैं और उसके सैनिक अड्डों या नागरिक क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया है।

हालांकि, अमेरिका के इन हमलों के बाद भी ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जारी है। ईरान ने खाड़ी में अमेरिका के सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की धमकी दी है।

पश्चिम एशिया में संघर्ष गहराने के बाद कच्चे तेल की आपूर्ति ठप होने का खतरा और बढ़ गया है। इससे बाजार खुलने पर कीमतें बढ़ सकती हैं। कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) टी ज्ञानेश्वर ने कहा, ‘पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से सोना और महंगा हो जाएगा। दुनिया में जब भी खतरा बढ़ता है तो सोना मजबूत हो जाता है। इस लड़ाई के बाद  तेल की आपूर्ति प्रभावित होने का भी खतरा बढ़ गया है।’

केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया ने कहा, ‘तेल के वापस 83 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। अगर होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हो गया तो कच्चे तेल की आपूर्ति बड़े पैमाने पर बाधित हो जाएगी जिससे तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को भी छू सकता है।’ दुनिया में रोजाना तेल की कुल खपत के 20 प्रतिशत हिस्से की आपूर्ति प्रतिदिन होर्मुज जलडमरूमध्य (फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच का जल मार्ग) के रास्ते होती है। यह मार्ग बंद होने से तेल की आपूर्ति बाधित हो जाएगी। सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत पश्चिम एशिया में तेल के प्रमुख निर्यातक देश हैं। भारत पर भी इसका असर पड़ेगा क्योंकि वह तेल की एक बड़ी मात्रा का आयात  होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते करता है।

केडिया का मानना है कि यह मार्ग बंद होने से ब्रेंट क्रूड   और डब्ल्यूटीआई के बीच अंतर बढ़ जाएगा जो इस समय 3 डॉलर प्रति बैरल से थोड़ा अधिक है। शुक्रवार को निचले स्तर से सोने के भाव 2 प्रतिशत से अधिक चढ़ गए हैं। केडिया ने कहा कि सोना एक बार फिर 3,500 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। सोने का भाव थोड़ा ठहर या फिसल सकता है क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अटकल लग रही है। मगर कच्चा तेल लंबे समय तक लगातार चढ़ता रहा तो इससे मुद्रास्फीति बढ़ जाएगी जिससे अमेरिकी केंद्रीय बैंक के लिए दरें घटाना मुश्किल हो सकता है। सोने के उलट चांदी की कीमत गिर सकती है क्योंकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें औद्योगिक गतिविधियों को बाधित कर सकती हैं। आधी से अधिक चांदी औद्योगिक गतिविधियों में इस्तेमाल होती है।  

First Published - June 22, 2025 | 10:08 PM IST

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