चालू वित्त वर्ष में विदेशी बाजारों में भारतीय कमोडिटी मांग खूब निकल रही है। चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में भारत से फल-सब्जी से लेकर अनाजों का खूब निर्यात हुआ। हालांकि कुल निर्यात पिछली समान अवधि से थोडा कम है क्योंकि इस अप्रैल निर्यात पर पाबंदी के कारण इसका निर्यात ना के बराबर हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल में बडी मात्रा में गेहूं का निर्यात हुआ था।
अप्रैल में कुल निर्यात महज 3 फीसदी घटा
वर्ष 2023-24 में अप्रैल में 18,410 करोड़ रुपये मूल्य की कमोडिटी निर्यात हुई, जो पिछले अप्रैल के कमोडिटी निर्यात 18,718 करोड़ रुपये से महज 3 फीसदी कम है। कुल निर्यात में कमी की वजह इस अप्रैल महज 4 करोड़ रुपये मूल्य का 1,631 टन ही गेहूं निर्यात होना है, जबकि पिछले साल अप्रैल में 3,602 करोड़ रुपये मूल्य का 14.72 लाख टन गेहूं निर्यात हुआ था। इस कुल निर्यात में दोनों वर्षों के अप्रैल महीने के गेहूं निर्यात के आंकड़े निकाल दे तो इस साल अप्रैल में कुल कमोडिटी के निर्यात में 3 फीसदी गिरावट की बजाय 20 फीसदी से अधिक इजाफा हुआ है।
चावल निर्यात बढ़ा
अप्रैल महीने में 3,855 करोड रुपये मूल्य का 4,24,650 टन बासमती चावल का निर्यात हुआ, जो पिछले साल के अप्रैल महीने में 2,469 करोड़ रुपये मूल्य के 3,19,864 टन बासमती चावल निर्यात से 56 फीसदी अधिक है। इस अप्रैल गैर बासमती चावल के निर्यात में 18 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। अप्रैल में 4,349 करोड़ रुपये मूल्य का 13,52,865 टन गैर बासमती चावल निर्यात हुआ।
ताजे व प्रोसेस्ड फल सब्जी निर्यात में भी इजाफा
चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में 1,660 करोड़ रुपये मूल्य के ताजा फल सब्जी का निर्यात हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष के 1,411 करोड़ रुपये के निर्यात से 17.64 फीसदी ज्यादा है। प्रोसेस्ड फल व सब्जी का निर्यात अप्रैल महीने में 49.39 फीसदी बढ़कर 1,639 करोड़ रुपये हो गया। अन्य प्रोसेस्ड फूड का निर्यात 18.32 फीसदी बढ़कर 3,264 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।