Fortified Rice Kernel Export: छत्तीसगढ़ ने फोर्टिफाइड राइस कर्नल (FRK) के मामले में बड़ी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने छत्तीसगढ़ से फोर्टिफाइड राइस कर्नल की पहली खेप का निर्यात सेंट्रल अमेरिका के देश कोस्टा रिका (Costa Rica) को निर्यात किया है। इससे छत्तीसगढ़ के किसानों, मिलर्स और निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।
यह पहल भारत के घरेलू पोषण मिशन को वैश्विक मंच से जोड़ने की दिशा में अहम कदम है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” (Malnutrition-Free India) अभियान की भावना से जुड़ा है, जो पोषण अभियान (Poshan Abhiyan) के तहत चल रहा है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) देशभर में फोर्टिफाइड चावल का वितरण कर रहा है और अब यह पहल भारत की पोषण मिशन को वैश्विक स्तर पर ले जा रही है।
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एपीडा ने सेंट्रल अमेरिका के कोस्टा रिका देश को छत्तीसगढ़ से 12 टन फोर्टिफाइड राइस कर्नल का निर्यात किया है। एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा “भारत से फोर्टिफाइड चावल का निर्यात न केवल हमारे कृषि निर्यात पोर्टफोलियो को मजबूत करता है, बल्कि विज्ञान-आधारित और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त खाद्य समाधानों के माध्यम से कुपोषण को दूर करने की हमारी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है। देव ने फोर्टिफाइड और मूल्य वर्धित खाद्य उत्पादों के लिए बाजारों के विस्तार में निर्यातकों को एपीडा द्वारा निरंतर सहयोग का आश्वासन भी दिया”
छत्तीसगढ़ राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा कि एपीडा के सहयोग से यह सफलता संभव हुई है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में नए देशों को FRK का निर्यात बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
फोर्टिफाइड राइस कर्नल (FRK) चावल के आटे में सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 मिलाकर बनाया जाता है। इन्हें चावल के आकार में ढालकर सामान्य चावल के साथ एक निश्चित अनुपात में मिलाया जाता है। इससे चावल का पोषण मूल्य बढ़ जाता है, जो कुपोषण के खिलाफ एक प्रभावी समाधान है।