नई आवक बढ़ने का असर चना के भाव पर दिख रहा है। आवक के दबाव में सप्ताह भर में चना की कीमतों में कमी आई है। कारोबारियों के मुताबिक आगे भी इसकी कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि उत्पादन घटने और पिछला स्टॉक कम होने से लंबी अवधि में इसके भाव तेज रह सकते हैं।
इस महीने चना के भाव में गिरावट देखी जा रही है। बीते एक सप्ताह के दौरान चना के थोक भाव 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुके हैं। दिल्ली में चना के थोक भाव इस समय 5,950 से 6,000 रुपये, इंदौर मंडी में भाव 5,700 से 5,750 रुपये, अकोला मंडी में 5,700 से 5,725 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। इस तरह बीते एक सप्ताह में चना 5 फीसदी तक सस्ता हुआ है।
आईग्रेन इंडिया में कमोडिटी विश्लेषक राहुल चौहान ने बताया कि उत्पादक मंडियों में चना की आवक बढ़ रही है। इसके साथ नई आवक दाम गिरने के डर और ऊंचे भाव पर कारोबारी बिकवाली कर रहे हैं। इसलिए इस माह चने की कीमतों में गिरावट आई है।
भारतीय दाल व अनाज संघ (IPGA) के अनुसार आवक ज्यादा होने के साथ सस्ती पीली मटर की उपलब्धता बढ़ने से भी चने की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। जिंसों की आवक व मूल्य के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक एक सप्ताह (4 से 11 मार्च) के दौरान करीब एक लाख टन चना की आवक हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुई करीब 95,500 टन आवक से 8 फीसदी ज्यादा है।
चौहान बताते हैं कि आगे नई आवक और बढ़ने से चना के भाव में गिरावट जारी रह सकते हैं। लेकिन इसके फंडामेंटल मजबूत है क्योंकि बोआई कम होने से चना का उत्पादन घट सकता है। ऐसे में लंबी अवधि में चना के भाव मजबूत हो सकते हैं।
IPGA के अनुसार भी लंबी अवधि में चना के भाव तेज हो सकते हैं क्योंकि कमजोर पैदावार के साथ ही पिछले साल का कैरीओवर स्टॉक भी सीमित है। ऐसे में खरीदार भाव नीचे आने पर खरीद बढ़ा सकते हैं।