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कैबिनेट ने बढ़ाया गेहूं का MSP, पीएम-आशा के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर; सब्जियों की ढुलाई का भी बोझ उठाएगी सरकार

रबी सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन होता है। एक दशक में यह दूसरा मौका है जब समर्थन मूल्य करीब 7 प्रतिशत बढ़ा है। 2024-25 विपणन वर्ष में बढ़ोतरी 7.06 प्रतिशत थी।

Last Updated- October 16, 2024 | 9:47 PM IST
Cabinet increased MSP of wheat, Rs 35,000 crore approved for PM-ASHA; Government will also bear the burden of transportation of vegetables कैबिनेट ने बढ़ाया गेहूं का MSP, पीएम-आशा के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर; सब्जियों की ढुलाई का भी बोझ उठाएगी सरकार

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल से शुरू होने वाले 2025-26 विपणन सत्र के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 2.4 से 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। गेहूं का एमएसपी 6.59 प्रतिशत बढ़ा है।

गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो 2024-25 विपणन सत्र में 2,275 रुपये प्रति क्विंटल था। इस बढ़ोतरी का संभवतः महंगाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा के एक विश्लेषण के मुताबिक गेहूं, चना, तिलहन और मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का महंगाई पर कुल मिलाकर असर साल के दौरान 0.18 से 0.20 प्रतिशत रहने की संभावना है।

रबी सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन होता है। एक दशक में यह दूसरा मौका है जब समर्थन मूल्य करीब 7 प्रतिशत बढ़ा है। 2024-25 विपणन वर्ष में बढ़ोतरी 7.06 प्रतिशत थी।

हालांकि इस पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब 2024-25 विपणन सत्र में लगातार दूसरी बार केंद्रीय पूल में गेहूं की खरीद लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पाई है।

किसानों ने अपने गेहूं की बिक्री आधिकारिक खरीद व्यवस्था के तहत करने के बजाय निजी कारोबारियों को करने को तरजीह दी, जिससे लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। निजी कारोबारी बेहतरीन कीमत की पेशकश कर रहे हैं।

केंद्रीय पूल में 1 सितंबर, 2024 को गेहूं का भंडार करीब 241.4 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 260 लाख टन से कम है। गेहूं के एमएसपी में 2024-25 और 2025-26 की मौजूदा तेज बढ़ोतरी के पहले विपणन वर्ष 2018-19 में 6.7 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई थी।

2025-26 में एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी जौ की कीमत में 7.03 प्रतिशत की गई है, जो अब 1,980 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

अन्य फसलों में सरसों का समर्थन मूल्य 5.31 प्रतिशत बढ़ाकर 5,950 रुपये क्विंटल, जबकि मसूर का समर्थन मूल्य 4.28 प्रतिशत बढ़ाकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

भारत की सबसे बड़ी दलहन फसल चने का समर्थन मूल्य 3.86 प्रतिशत बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। कुसुम का एमएसपी 2.41 प्रतिशत बढ़ाकर 2025-26 के लिए 5,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। बहरहाल मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देने के लिए संवाददाताओं से बातचीत करने आए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एमएसपी में बढ़ोतरी और आगामी चुनाव में किसी संबंध से इनकार किया है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घोषणाएं तय समय पर होती हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार को लेकर किसानों की अच्छी धारणा है।

आय संरक्षण अभियान के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर

सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के इरादे से बुधवार को ‘पीएम अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-आशा) के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर किए। इसका उद्देश्य किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करना और उपभोक्ताओं के लिए बाजार मूल्य को स्थिर करना है।

सब्जियों की ढुलाई का बोझ उठाएगी सरकार

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने खराब होने वाले जिंसों जैसे सब्जियों की ढुलाई का बोझ उठाने का फैसला किया है, जिससे किसान बगैर किसी कठिनाई के उन्हें लाकर शहरों में बेच सकें।

इसके साथ ही सब्जियों को भावांतर भुगतान योजना की तरह प्राइस डिफिसिएंसी पेमेंट स्कीम में शामिल किए जाने से किसानों को बेहतर भाव मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने रबी की प्रमुख फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार अरहर, मसूर और उड़द की 100 प्रतिशत खरीद सुनिश्चित करेगी।

First Published - October 16, 2024 | 9:47 PM IST

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