facebookmetapixel
FD Rates: दिसंबर में एफडी रेट्स 5% से 8% तक, जानें कौन दे रहा सबसे ज्यादा ब्याजट्रंप प्रशासन की कड़ी जांच के बीच गूगल कर्मचारियों को मिली यात्रा चेतावनीभारत और EU पर अमेरिका की नाराजगी, 2026 तक लटक सकता है ट्रेड डील का मामलाIndiGo यात्रियों को देगा मुआवजा, 26 दिसंबर से शुरू होगा भुगतानटेस्ला के सीईओ Elon Musk की करोड़ों की जीत, डेलावेयर कोर्ट ने बहाल किया 55 बिलियन डॉलर का पैकेजत्योहारी सीजन में दोपहिया वाहनों की बिक्री चमकी, ग्रामीण बाजार ने बढ़ाई रफ्तारGlobalLogic का एआई प्रयोग सफल, 50% पीओसी सीधे उत्पादन मेंसर्ट-इन ने चेताया: iOS और iPadOS में फंसी खतरनाक बग, डेटा और प्राइवेसी जोखिम मेंश्रम कानूनों के पालन में मदद के लिए सरकार लाएगी गाइडबुकभारत-ओमान CEPA में सामाजिक सुरक्षा प्रावधान पर होगी अहम बातचीत

पैन है तो किसानों से सीधे खरीदें उपज

Last Updated- December 15, 2022 | 8:17 PM IST

केंद्रीय मंडिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जिससे अब खरीदार अधिकृत मंडियों से बाहर किसानों से कृषि उत्पाद खरीद पाएंगे। इस अध्यादेश के प्रावधान के अनुसार ऐसे लेनदेन के लिए खरीदारों को केवल स्थायी खाता संख्या(पैन) की जरूरत होगी और इस पर केंद्र एवं राज्य किसी तरह का कर भी नहीं लगा पाएंगे। हालांकि यह व्यवस्था कई राज्यों को रास नहीं आ सकती है।
मंत्रिमंडल ने ‘द फार्मर्स एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस ऐंड फार्म सर्विसेस ऑर्डिनंस, 2020 पर भी मुहर लगा दी। इस अध्यादेश की मदद से किसान और प्रसंस्करणकर्ताओं एवं कारोबारियों के बीच अनुबंध आधारित खेती को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक जिंस अधिनियम कानून से बाहर करने के निर्णय पर भी मुहर लगा दी। हालांकि असमान्य परिस्थितियों जैसे कीमतों में अचानक तेजी आने की नौबत पैदा होने पर ये कृषि उत्पाद दोबारा इस अधिनियम की जद में लाए जा सकते हैं। सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान के तहत कुछ दिनों पहले इन उपायों की घोषणा की थी, जिन पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के आज के निर्णयों पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पहले अध्यादेश केअनुसार पैन रखने वाला कोई भी व्यक्ति अधिकृत मंडियों से बाहर भी किसानों से सीधे उत्पाद खरीद सकता है। तोमर ने कहा कि ऐसे खरीदार को राज्य या केंद्र से किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।
खरीदार और किसान दोनों को कीमतों को लेकर आपस में सहमति बनानी होगी और रकम का भुगतान तीन दिन के अंदर करना होगा। खरीदार को तत्काल किसान को लेनदेन की रसीद देंगे। किसी तरह का विवाद पैदा होने पर किसान एसडीएम के पास मामला उठाएंगे और वहां भी संतुष्ट नहीं होने पर वे जिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्या रख सकते हैं। दोनों को 30 दिनों के भीतर मामले पर निर्णय लेना होगा।
तोमर ने कहा,’मंडियों से बाहर होने वाले ऐसे सभी लेनेदन में खरीदार को तीन दिन के अंदर भुगतान करना होगा। लेनदेन के तत्काल बाद उसे किसान को रसीद देनी होगी ताकि बाद में किसी तरह के विवाद की स्थिति पैदा न हो।’ कृषि मंत्री ने कहा कि अध्यादेश के तहत मंडियों से बाहर इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी प्लेटफॉर्म भी स्थापित करने की अनुमति होगी। तोमर ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार इस संबंध में नियम तय करेगी। केंद्र सरकार इन मंडियों का नियमन करेगी और किसानों के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी की स्थिति में ऐसे कारोबारी प्लेटफॉर्म बंद कर दिए जाएंगे। तोमर ने अनुबंध कृषि अध्यादेश के बारे में कहा कि किसान की जमीन पर कोई कब्जा नहीं हो सकता। खरीदार और विक्रेता के बीच कोई विवाद पैदा होने और विक्रेता (इस मामले में किसान) की जमीन की जब्ती का फैसला भी अवैध होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे समझौतों के मॉडल सभी राज्यों को भेजे जाएंगे।

First Published - June 3, 2020 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट