लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ आज (31 जनवरी) से शुरू होने वाले बजट सत्र का कम से कम पहला सप्ताह तो सरकार के लिए आसान नहीं रहने वाला है।
हालांकि पहली बार सांसदों को लगा कि कांग्रेस पार्टी अपनी राजनीति को चुपके से खेलना चाह रही है क्योंकि इस बैठक में कांग्रेस का कोई भी नेता मौजूद नहीं था। पार्टी के नेता भारत जोड़ो यात्रा में होने के कारण श्रीनगर से वापस नहीं लौट सके। बीजू जनता दल (बीजद) के एक सांसद ने कहा, ‘हमें यह आकलन करने की जरूरत है कि कांग्रेस क्या करने जा रही है।’
सत्र में 27 बैठकें होंगी और यह 6 अप्रैल तक चलेगा। इसमें बजट दस्तावेज की जांच के लिए एक महीने का अवकाश भी शामिल है। हालांकि, सत्र के दौरान विपक्ष की मांग अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर चर्चा करने की होगी, जिसमें जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और अन्य सरकारी संस्थाओं का सार्वजनिक पैसा शामिल है। इसके अलावा न्यायपालिका और सरकार के आपसी संबंध और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाए जाएंगे।
दिलचस्प बात यह है कि इस बैठक के बीच कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के साथ बैठक की थी और फिर वह भाजपा के प्रति अपने विरोध में नरमी दिखाने लगी, यह टीएमसी ही थी जिसने बैठक में स्वतंत्र प्रेस का सवाल उठाया था। सर्वदलीय बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया कि वह संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है और सदन सुचारु रूप से चलाने में सभी का सहयोग चाहती है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, ‘सरकार संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, हम विपक्ष का सहयोग चाहते हैं।’ बैठक में राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन भी उपस्थित थे। सूत्रों के मुताबिक, मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया और संसद में चर्चा की मांग की।
राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह सहित द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), वामदलों और अन्य पार्टियों के नेताओं ने चेतावनी दी कि वे अदाणी के मामलों को संसद में उठाएंगे और इसपर चर्चा करेंगे। वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सामाजिक एवं विकास सूचकांक में कौन सा वर्ग पीछे है।
वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि देश की आबादी में पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी 50 फीसदी है और राष्ट्रव्यापी जाति आधारित आर्थिक गणना से इन वर्गो की आर्थिक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी। जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की।
बीजद के सस्मित पात्रा ने कहा कि इस सत्र में महिला आरक्षण विधेयक प्राथमिकता रहेगा, हम इस विधेयक को पारित कराने की मांग करते रहे हैं और इस मुद्दे पर समान विचारों वाली पार्टियों के साथ आम सहमति बनायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी इसी दौरान मुफ्त में बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर भी इसी दौरान चर्चा करना चाहती थी।
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना बंद हो चुकी है और हम चाहते हैं कि यह फिर से शुरू हो। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी भी घरों का निर्माण होना है, इनका आवंटन होना है और सरकार इस योजना को 2024 में बंद कर देगी। ऐसे में हमारी मांग है कि जिन मकानों का निर्माण नहीं हो पाया है उनको भी बनाया जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट सत्र का पहला भाग 14 फरवरी को समाप्त होगा। बजट सत्र के दूसरे भाग के लिए संसद 12 मार्च को फिर से शुरू होगी।