राजस्थान सरकार द्वारा आज वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए 3.25 लाख करोड़ रुपये के बजट में 31,941 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। बजट में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों में टॉय पार्क, स्टोन पार्क, टेक्सटाइल पार्क, फार्मा पार्क आदि के साथ ही ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) के जरिये रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, फ्लैटेड फैक्टरी और प्लग एंड प्ले मॉडल पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की घोषणा की गई है।
बजट में आगामी वर्ष में सरकारी विभागों और राज्य उपक्रमों में 1.25 लाख पदों पर भर्ती की घोषणा की गई है। इसके अलावा, 60,000 करोड़ रुपये की लागत से 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण और 100 यूनिट तक दी जाने वाली मुफ्त बिजली को बढ़ाकर 150 यूनिट करने का प्रावधान किया गया है।
बजट में उद्योग पर भी जोर
राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ राजस्थान अब आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन चुका है। राजस्थान राइजिंग समिट के तहत प्राप्त निवेश प्रस्तावों को समयबद्ध रूप से धरातल पर उतारना सुनिश्चित किया जाएगा।
निवेशकों को समय पर अपना संस्थान स्थापित करने में सहयोग देने के लिए जयपुर के बिचून और भिवाड़ी के खैरथल-तिजारा औद्योगिक क्षेत्रों में फ्लैटेड फैक्टरी की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके साथ ही, प्लग एंड प्ले मॉडल पर भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने सेवा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति लाने की घोषणा की। औद्योगिक निवेश के साथ-साथ राज्य में ट्रेडिंग सेक्टर के विकास के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन नीति भी लाई जाएगी। हस्त छपाई को प्रोत्साहित करने के लिए चित्तौड़गढ़ के अकोला में 5 करोड़ रुपये की लागत से एक हब का निर्माण किया जाएगा।
कोटा की पहचान अब टॉय पार्क से भी होगी
अब तक कोटा की पहचान पूरे देश में कोचिंग सेंटर के रूप में रही है, लेकिन अब यह खिलौनों के निर्माण के हब के रूप में भी पहचान बना सकता है। राजस्थान सरकार द्वारा आगामी वित्त वर्ष के बजट में कोटा में टॉय पार्क बनाने की घोषणा की गई है।
इसके अलावा, बजट में स्टोन पार्क, सिरेमिक पार्क, फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क और ब्लॉक प्रिंटिंग ज़ोन की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। पहले से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के उन्नयन के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।