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नई रक्षा खरीद के लिए बढ़ाए सरकार ने कदम

Last Updated- December 07, 2022 | 2:44 PM IST

भारत में हथियारों की खरीद का स्तर अगले 5 साल में 30-50 अरब डॉलर पहुंच जाने के अनुमानों के बीच सरकार ने नई रक्षा खरीद प्रकिया (डीपीपी) की शुरुआत की, जिसमें निजी क्षेत्र को लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है।


डीपीपी में विदेशी कंपनियों के अनुबंधों की ऑफसेट राशि बैंक में रखने की भी मंजूरी दी गई है। ऑफसेट नीति के मुताबिक, सभी विदेशी कंपनियों को 300 करोड़ रुपये से अधिक के सौदों का 30 से 50 प्रतिशत भारत में निवेश करना होगा।

इस नीति को अब संशोधित किया गया है और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारी सौदों की उम्मीद में बैंक में अपना धन रखने की अनुमति होगी, ताकि कोई सौदा होने की स्थिति में ऑफसेट पॉलिसी के लिए उन्हें धन का प्रबंध करने की आवश्यकता न पड़े। 

नीति में आधुनिक हथियारों के शीघ्र अधिग्रहण और खरीद में पूर्ण पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित रखा गया है। इसके अलावा, नीति में कंपनियों को निविदा जारी करने से पहले खरीद के बारे में अग्रिम सूचना जारी करने की बात कही गई है। नई नीति में जल, थल और वायु सेना के मुख्यालयों और रक्षा सचिव के वित्तीय अधिकार भी बढ़ाए गए हैं।

First Published - August 2, 2008 | 1:06 AM IST

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