facebookmetapixel
Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी की कीमतों में उछाल! सोने का भाव 125000 रुपये के पार; जानें आज के ताजा रेटPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने के लिए खुला, अप्लाई करें या नहीं; जानें ब्रोकरेज का नजरियाBihar Elections 2025: दिल्ली ब्लास्ट के बाद हाई अलर्ट में बिहार चुनाव का आखिरी फेज, 122 सीटों पर मतदाता करेंगे फैसलाडिमर्जर के बाद Tata Motors में कौन चमकेगा ज्यादा? जेपी मॉर्गन और SBI की बड़ी राय सामने आई₹5.40 प्रति शेयर तक डिविडेंड पाने का मौका! 12 नवंबर को एक्स-डेट पर ट्रेड करेंगे ये 5 स्टॉक्सDharmendra Health Update: ‘पापा ठीक हैं!’ धर्मेंद्र की सेहत को लेकर वायरल अफवाहों पर Esha Deol ने शेयर किया इंस्टा पोस्टभारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी सकती है फाइनल, ट्रंप ने दिए संकेत; कहा – पीएम मोदी से शानदार रिश्तेटाटा मोटर्स CV के शेयर 12 नवंबर को होंगे लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूStock Market Update: सपाट शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक गिरा; निफ्टी 25550 के नीचेDelhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्ज

Economic Survey 2025: भारत को अगले दो दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने की जरूरत

समीक्षा कहती है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में आम चुनावों और मानसून के कारण बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च प्रभावित हुआ।

Last Updated- January 31, 2025 | 2:55 PM IST
Economic Survey 2025: India needs to increase investment on infrastructure in the next two decades भारत को अगले दो दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने की जरूरत

Economic Survey 2025: भारत को वृद्धि की ऊंची रफ्तार को बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को लगातार बढ़ाने की जरूरत है। शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह बात कही गई है। समीक्षा में कहा गया, ”भारत को उच्च वृद्धि दर बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में अवसंरचना निवेश को लगातार बढ़ाने की जरूरत है।”

समीक्षा कहती है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में आम चुनावों और मानसून के कारण बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च प्रभावित हुआ। हालांकि, पिछले साल जुलाई और नवंबर के बीच पूंजीगत व्यय की गति तेज हुई। दस्तावेज में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्र का पूंजीगत व्यय, वित्त वर्ष 2019-20 के पूंजीगत व्यय का लगभग 3.3 गुना तय किया गया है। इसमें आगे कहा गया कि आपदा से सुरक्षित शहरीकरण, सार्वजनिक परिवहन, विरासत स्थलों, स्मारकों और पर्यटन स्थलों के संरक्षण की जरूरत है। साथ ही संपर्क सहित ग्रामीण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देना होगा।

Also read: Economic Survey 2025 Live Updates: ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में चीन के दबदबे पर CEA नागेश्वरन ने जताई चिंता, FY26 के लिए ग्रोथ अनुमान 6.3-6.8%

समीक्षा में कहा गया, ‘‘शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के तहत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बनाने पर अतिरिक्त जोर दिया गया है।’’ इसमें कहा गया कि सरकार के विभिन्न स्तर पर बाध्यकारी बजटीय बाधाएं हैं।

आर्थिक समीक्षा कहती है कि कार्यक्रम और परियोजना नियोजन, वित्तपोषण, निर्माण, रखरखाव, मौद्रीकरण तथा प्रभाव आकलन जैसे कई तरीकों से बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। सरकार ने इस दिशा में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन और पीएम-गति शक्ति जैसे कई पहल शुरू की हैं। साथ ही वित्तीय बाजार के नियामकों ने निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार किए हैं।

First Published - January 31, 2025 | 2:55 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट