आम बजट 2025-26 (Union Budget 2025-26) में शोध एवं विकास (R&D) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना की घोषणा की जानी चाहिए। इससे विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने और भारत को नवोन्मेषण का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद मिलेगी। डेलायट इंडिया पार्टनर (प्रत्यक्ष कर) (Deloitte India Partner (Direct Tax)) रोहिंटन सिधवा ने यह बात कही है।
डेलायट इंडिया पार्टनर (प्रत्यक्ष कर) रोहिंटन सिधवा ने कहा कि सरकार ऐसी नीति पर काम कर रही है जिसमें कर रियायतें कम हों और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) या अन्य योजनाएं हों जिनसे निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिल सके। अगर बजट में ऐसी नीति की घोषणा की जा सकती है जो विशेष रूप से वैश्विक कंपनियों को भारत आने के लिए पुरस्कृत करती है, तो इससे देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत एक सेवा आधारित अर्थव्यवस्था है और अगर इसे आगे बढ़ाया जाता है, तो यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक प्रमुख स्रोत हो सकता है।
सिधवा ने कहा, ‘‘हमें भारत को दुनिया की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है और अगर ऐसी कोई नीति हो सकती है जो इसे प्रोत्साहित करे, जैसे अनुसंधान एवं विकास के लिए पीएलआई जिसमें विदेशी कंपनियां शामिल हों, तो यह पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। एक क्षेत्र जिसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, वह है नवोन्मेषण को कैसे प्रोत्साहित किया जाए और शोध एवं विकास खर्च को कैसे पुरस्कृत किया जाए। यह तभी होगा जब देश वैश्विक अनुसंधान एवं विकास केंद्रों को भारत में आकर्षित करने में सक्षम होगा। ‘‘अगर हम अपना खुद का आरएंडडी विकसित कर सकते हैं, तो हमें प्रौद्योगिकी के लिए विकसित दुनिया पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। नवाचार और आरएंडडी को लेकर कुछ करने की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि सरकार शोध एवं विकास के लिए पीएलआई योजना शुरू करने पर विचार करेगी।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2024 को 2024-25 के अंतरिम बजट में 1 लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण पूल के साथ वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक तंत्र स्थापित करने की घोषणा की। सरकार इस बात पर काम कर रही है कि फंड की संरचना कैसे की जाए और इसे कैसे संचालित किया जाए और इसके लिए वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ उद्योग के लोगों से भी चर्चा की गई है। आरएंडडी (Research & Development) के लिए कर छूट (tax exemption)देने के बावजूद निजी क्षेत्र द्वारा आरएंडडी निवेश में तेजी नहीं आई है और इसलिए सरकार ने आरएंडडी में भागीदार बनने और निजी क्षेत्र को जोखिम उठाने के लिए प्रेरित करने का फैसला किया है।
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(एजेंसी इनपुट के साथ)
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