केंद्र सरकार द्वारा शहरी आवास योजना के लिए आवंटन में इजाफे का ऐलान किए जाने लेकिन संपत्ति की बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ वापस लिए जाने के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र को बजट 2024 से मिलेजुले संकेत मिले हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले पांच साल के दौरान शहरों के एक करोड़ गरीब और मध्य वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता समेत 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
उन्होंने अपने भाषण में कहा, ‘पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ शहरी गरीब और मध्य वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों को पूरा किया जाएगा।’ उन्होंने कहा ‘इसमें अगले पांच वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता भी शामिल होगी।’
सीतारमण ने यह भी कहा कि केंद्र किफायती दरों पर आवास ऋण की सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी प्रदान करने की योजना बनाएगा। उन्होंने कहा ‘बढ़ी हुई उपलब्धता के साथ कुशल और पारदर्शी किराये के आवास बाजारों के लिए सक्षम नीतियां और नियम भी लागू किए जाएंगे।’
इसके अलावा मंत्री ने कहा कि सरकार औद्योगिक श्रमिकों के लिए छात्रावास जैसे आवास के साथ किराये के आवास की सुविधा प्रदान करेगी। यह व्यावहारिक अंतर वाली वित्तीय सुविधा (वीजीएफ) के समर्थन और प्रमुख उद्योगों की प्रतिबद्धता के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रारूप में किया जाएगा। उद्योग के अधिकारियों ने इन कदमों का स्वागत करते हुए कहा कि इनसे संबद्ध क्षेत्रों को भी लाभ होगा।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यअधिकारी बादल याज्ञिक ने कहा ‘इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और संबद्ध क्षेत्रों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। किराये के आवास के लिए पीपीपी की वित्तीय सहायता और वीजीएफ गरीबों की आवास की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी, जबकि पारंपरिक मार्ग के जरिये सरकार का बोझ कम होगा।’
एम्पेरियम प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक निदेशक रवि सौंद ने कहा ‘अगले पांच वर्षों में एक करोड़ परिवारों को घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य वाली इस पहल से सालाना तकरीबन 20 लाख मकान बनेंगे, जो पिछली योजना से काफी ज्यादा हैं।’
उन्होंने कहा ‘निर्माण गतिविधि में इस उछाल से निर्माण सामग्री की मांग में वृद्धि तथा सीमेंट, इस्पात और घरेलू उपकरणों जैसे संबंधित उद्योगों में सक्रियता आने की उम्मीद है।’ सीतारमण ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के मामले में शुल्क कम करने और इसे ‘शहरी विकास योजनाओं का जरूरी घटक’ बनाने पर विचार करेगी।
हालांकि कर के मोर्चे पर सीतारमण ने संपत्ति की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) की गणना के लिए इंडेक्सेशन लाभ को वापस लेने का प्रस्ताव रखा है। एलटीसीजी दर को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया।
इंडेक्सेशन बढ़ती महंगाई के हिसाब से निवेश के खरीद मूल्य को बढ़ाने की अनुमति प्रदान करता है।
एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि इंडेक्सेशन हटाने से कर योग्य लाभ अधिक हो सकता है, खास तौर पर लंबे समय तक रखी गई संपत्तियों के मामले में। इस ऐलान के बाद रियल्टी क्षेत्र के शेयरों ने दिन में पहले हासिल की गई अपनी बढ़त गंवा दी। निफ्टी रियल्टी 2.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।