बुधवार को संसद भवन में पेश हुए बजट से डोमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की संभावनाएं बनी हैं। दरअसल बजट में 50 पर्यटन स्थलों पर एकीकृत विकास का प्रस्ताव रखा गया है।
हालांकि, यात्रियों के लिए विदेश यात्रा महंगी साबित हो सकती है क्योंकि सरकार ने स्रोत पर कर संग्रह (TCS) की दर 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है।
अगर कोई निजी तौर पर भी विदेशी यात्रा, विदेश में होटल बुकिंग या कार किराये पर लेने के लिए भुगतान करने के लिए बाहर रकम भेजेगा तो उस रकम पर आयकर लगाया जाता है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकट की खरीद पर कोई टीसीएस नहीं लगता है।
पर्यटन क्षेत्र को ध्यान देने योग्य क्षेत्रों में शामिल किया गया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों की सक्रिय भागीदारी और सार्वजनिक-निजी साझेदारी के जरिये पर्यटन को प्रोत्साहित करने का अभियान शुरू किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि कम से कम 50 स्थलों का चयन कर उनका विकास किया जाएगा। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘इन जगहों का विकास एक पैकेज के तौर पर किया जाएगा। पर्यटन के विकास पर ध्यान देने के लिए घरेलू और विदेशी पर्यटकों पर भी जोर दिया जाएगा।’
इसके अलावा सीमा पर मौजूद गांवों में भी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। राज्यों को प्रचार प्रसार के लिए एक यूनिटी मॉल की स्थापना करने और राज्य की विशिष्ट चीजों और अन्य हथकरघा वाले उत्पादों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पर्यटन उद्योग ने बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया जाहिर की है क्योंकि इस उद्योग से जुड़े कुछ लोगों ने कर रियायत की मांग करने के साथ ही इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की मांग भी की थी। लेकिन इस बजट में उनकी मांग पूरी नहीं हुई।
मेकमाइट्रिप के समूह सीईओ और सह संस्थापक राजेश मैगो का कहना है, ‘केंद्रीय बजट में कई स्वागतयोग्य पहल की गई है मसलन 50 हवाईअड्डों को फिर से शुरू करने के साथ ही 50 नए पर्यटन स्थलों का विकास, रेलवे तथा राजमार्गों के लिए बजटीय आवंटन कुछ ऐसे कदम हैं जिससे लंबी अवधि में घरेलू पर्यटन और पर्यटन उद्योग के विकास में मदद मिलेगी।’