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Budget 2023: वृद्धि‍ के लिए पूंजीगत खर्च पर जोर

वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले 37.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10 लाख करोड़ रुपये होगा पूंजीगत खर्च

Last Updated- February 01, 2023 | 11:50 PM IST
Andhra Pradesh lags behind in capital expenditure, performance of Karnataka-Bihar better than target
BS

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्त वर्ष 24 के लिए पूंजीगत खर्च में वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान के मुकाबले 37.4 फीसदी की बढ़ोतरी कर 10 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया ताकि बढ़ते वैश्विक अवरोध के बीच सार्वजनिक निवेश की अगुआई में वृद्धि‍ जारी रहे।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, बुनियादी ढांचा और उत्पादक क्षमता पर निवेश का वृद्धि‍ व रोजगार पर बड़ा असर पड़ता है। महामारी के दौरान सुस्ती के बाद निजी निवेश एक बार फिर बढ़ रहा है। निवेश चक्र में इजाफा व नौकरियों के सृजन के लिए बजट में इसे अहमियत दी जा रही है।

इस बजट में पिछले साल शुरू किए गए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण राज्यों को जारी रखने की बात कही गई है ताकि बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़े और पूरक नीतिगत कदमों के लिए प्रोत्साहन मिले। वित्त वर्ष 24 के लिए इसके तहत आवंटन बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो वित्त वर्ष 23 में एक लाख करोड़ रुपये रहा था।

केंद्र की तरफ से प्रत्यक्ष पूंजी निवेश के लिए राज्यों को अनुदान सहायता के जरिये पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन के लिए प्रावधान किए गए हैं। 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत कर्च हालांकि जीडीपी का 3.3 फीसदी बैठता है, लेकिन केंद्र ने प्रभावी पूंजीगत खर्च 13.7 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है, जो जीडीपी का 4.5 फीसदी होगा।

हालांकि सरकार को वित्त वर्ष 23 के बजट में घोषित 7.5 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च को घटाकर संशोधित अनुमान में 7.3 लाख करोड़ रुपये करना पड़ा, जो उच्च सार्वजनिक निवेश के लिए क्षमता में अवरोध को रेखांकित करता है। केंद्र वित्त वर्ष 23 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान अपने पूंजीगत खर्च आवंटन का 65.4 फीसदी खर्च करने में सक्षम रहा, जो वित्त वर्ष 22 में इस अवधि में 70.7 फीसदी रहा था।

बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त सचिव सोमनाथन ने वित्त वर्ष 23 से थोड़े विचलन की बात मानी, लेकिन इसके लिए राज्यों की तरफ से खर्च में कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, केंद्रीय पूंजीगत खर्च बजट अनुमान से ज्यादा रहने जा रहा है।

राज्यों का पूंजीगत खर्च 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने की संभावना नहीं है, जिसकी वजह राज्यों की पूंजी निवेश योजना के साथ सुधार की शर्त है। कुछ राज्य इनमें से कुछ शर्तें पूरी नहीं कर पाए। ऐसे में हमें लगता है कि राज्यों की पूंजीगत खर्च योजना का करीब 76 फीसदी वित्त वर्ष 23 में खर्च होगा।

सोमनाथन ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी चार प्रमुख क्षेत्रों में हुई है। पहला, रेलवे जहां अतिरिक्त पूंजीगत खर्च को समाहित करने के लिए पर्याप्त परियोजनाएं हैं। दूसरा है राजमार्ग, जहां पूंजीगत खर्च को समाहित करने के लिए पर्याप्त परियोजनाओं का परिचालन हो रहा है। तीसरा है राज्य, जहां हमेशा ही चुनौतियां होंगी। लेकिन मुझे लगता है कि राज्य अब इसके लिए तैयार हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें: Budget 2023: मंदी से बेफिक्र ​​वृद्धि पर नजर

दो साल के प्रयोग ने खर्च करने की उनकी क्षमता में सुधार में मदद की है और हम राज्यों के पूंजीगत खर्च में इस साल की दूसरी छमाही में भी बढ़ोतरी देख रहे हैं। इसके अलावा केंद्र की तरफ से पेट्रोलियम में पूंजीगत खर्च है, जो रिइफाइनरी को उत्सर्जन के मानक पूरा करने और आंशिक तौर पर रणनीतिक भंडार में बढ़ोतरी के लिए है।

सरकार ने कच्चे तेल के भंडार की खातिर भारत रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के लिए 5,711 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि नवगठित इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस सेक्रेटेरिएट सभी हितधारकों को बुनियादी ढांचा (रेलवे, सड़क, शहरी बुनियादी ढांचा व बिजली समेत) को और निजी निवेश में सहायता देगा, जो पूरी तरह से सार्वजनिक संसाधनों पर आश्रित हैं।

First Published - February 1, 2023 | 11:49 PM IST

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