देश के तिपहिया बाजार में वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2026) के दौरान वृद्धि की रफ्तार बरकरार रहने का अनुमान है और उद्योग के विशेषज्ञों ने छह से आठ प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान जताया है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में पांच से आठ प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। यात्री वाहनों और इलेक्ट्रिक कार्ट (ई-कार्ट) की दमदार मांग से इसे बढ़ावा मिलेगा।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीने में तिपहिया की घरेलू थोक बिक्री में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) द्वारा दर्ज की गई खुदरा बिक्री में भी सकारात्मक रफ्तार दिखाई दी, जो इसी अवधि के दौरान 5.5 प्रतिशत बढ़ी है। फाडा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 25 के दौरान तिपहिया वाहन उद्योग में पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि होगी और उसके बाद वित्त वर्ष 26 में भी इसी तरह की वृद्धि होगी।
फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने तिपहिया बाजार के संबंध में कहा, ‘समूचे वाहन उद्योग को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और बिक्री उद्योग की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर रही है। हालांकि हमें इलेक्ट्रिफिकेशन के दम पर तिपहिया श्रेणी में वृद्धि की उम्मीद है। तिपहिया का एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) वाला है और उनकी मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। अंतिम छोर तक परिवहन की बढ़ती जरूरत ने इस श्रेणी में वृद्धि को और बढ़ा दिया है।’
इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से यात्री वाहनों की जबरदस्त मांग को दिया जाता है, जिसमें 9.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और इनकी संख्या बढ़कर 5,51,880 तक पहुंच गई तथा ई-कार्ट में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और इनकी संख्या बढ़कर 3,762 हो गई। हालांकि समूचे क्षेत्र में अच्छा विस्तार हुआ, लेकिन इलेक्ट्रिक रिक्शा (ई-रिक्शा) श्रेणी में गिरावट आई और इसकी संख्या 41.2 प्रतिशत लुढ़ककर 17,399 रह गई, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 29,595 थी।
प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार अनुराग सिंह ने कहा, ‘इलेक्ट्रिफिकेशन से तिपहिया की इस वृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है, जिसमें लगभग 40 प्रतिशत नए तिपहिया ईवी हैं। हालांकि तिपहिया से टाटा ऐस जैसे छोटे ट्रकों की दिशा में स्थानांतरण हो रहा है, लेकिन मुझे वित्त वर्ष 26 में छह प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ एक और दमदार साल की उम्मीद है।’