इलेक्ट्रिक वाहनों को लक्जरी वाहन की जमात में तेजी से अपनाया जा सकता है क्योंकि इस श्रेणी के खरीदार कीमत की बहुत चिंता नहीं करते। ऐसे में मर्सिडीज-बेंज इंडिया और बीएमडब्ल्यू इंडिया को इस श्रेणी में दो अंक में वृद्धि की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि निकट भविष्य में उसकी कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा करीब 10 फीसदी रहने का अनुमान है।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया को उम्मीद है कि अगले चार साल में भारत में उसकी कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी होगी।
कंपनी के CEO संतोष अय्यर ने कहा, ‘विश्व-स्तरीय उत्पादों की श्रृंखला, देश के प्रमुख शहरों में बेहद तेज गति से वाहनों को चार्ज करने की सुविधा का व्यापक नेटवर्क और स्वच्छ ईंधन वाले परिवहन को बढ़ावा देने की सरकार की नीतियों से लक्जरी ईवी तेजी से अपनाई जाने में मदद मिलेगी।’
अय्यर ने कहा, ‘मर्सिडीज-बेंज में हम अगले चार साल में अपनी कुल बिक्री में लक्जरी ईवी की हिस्सेदारी 25 फीसदी रहने का अनुमान लगा रहे हैं। हमारा मानना है कि ईवी को अपनाने में लक्जरी कार सेगमेंट सबसे आगे रहेगा।’
बीएमडब्ल्यू भारत में कुल बिक्री में 10 फीसदी ईवी बेचने पर देगी जोर
इसी तरह बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह ने कहा कि पिछले दशक में लक्जरी कारों के ग्राहक तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘आज जलवायु तटस्थता दुनिया भर के लोगों को एकजुट कर रही है। ग्राहक अब तेजी से पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और कार्बन उत्सर्जन कम करने में सक्रिय योगदान देना चाहते हैं। हरित समाधान वाले उत्पादों के प्रति भी लोगों का आकर्षण बढ़ा है।’
बीएमडब्ल्यू ने 2022 में 347 इलेक्ट्रिक कार बेचीं और मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने 400 से ज्यादा ईवी की बिक्री की। 2022 में मर्सिडीज की भारत में कुल बिक्री 15,822 कारों की रही और बीएमडब्ल्यू 11,981 कारें बेचने में सफल रही। कुल मिलाकर 2022 में 3,7000 से 38,000 लक्जरी कार बिकीं।
2022 में भारत में बिकीं कुल 37-38 हजार महंगी कारें
2022 में देश में करीब 10 लाख ईवी की बिक्री हुई, जो इससे पिछले साल के मुकाबले तीन गुना है और देश में कुल वाहन बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी करीब 5 फीसदी पहुंच गई है।
मर्सिडीज ने कहा कि लक्जरी कारों की कुल बिक्री में महंगे इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदगी 2 फीसदी से भी कम है। अय्यर ने कहा, ‘हमें लगता है कि आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदगी बढ़ेगी। लक्जरी सेमगेंट में अन्य खंडों की तुलना में गाड़ियों के इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की दर अधिक होगी। मांग भी स्थिर रही है।’
पावाह ने कहा कि गाड़ियों की मांग काफी अधिक रही है और बीएमडब्ल्यू, मिनी एसई तथा बीएमडब्ल्यू आई 4 बाजार में आते ही बिक गईं। पावाह ने कहा, ‘ महज दो दिन पहले बाजार में आई बीएमडब्ल्यू आई7 की भी काफी मांग है। हमें लगता है कि मांग में तेजी से इजाफा होगा और इलेक्ट्रिक वाहनों की भागीदारी कुल बिक्री की 10 फीसदी हो जाएगी। भारत में महंगी इलेक्ट्रिक कारों की मांग में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।’
बीएमडब्ल्यू आई7 को लेकर पावाह का दावा है कि इस समय मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि वे ग्राहकों की दिलचस्पी को देखते हुए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
अय्यर का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहन खंड में वृद्धि दोहरे अंक में रही है। इसे देखते हुए कार निर्माता कंपनियां स्थानीय स्तर ही कुछ मॉडल तैयार कर रही हैं। अमूमन इन गाड़ियों की कीमतें 1 करोड़ रुपये या इससे अधिक होती है।
इस उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर अधिक कारें तैयार होने से मांग बढ़ेगी और आयात शुल्क में भी कमी आएगी। मर्सिडीज-बेंज इंडिया चार महंगे इलेक्ट्रिक मॉडल -ईक्यूबी, ईक्यूएस 580, ईक्यूएस 53 और ईक्यूसी- बेचती है। स्थानीय स्तर पर तैयार ईक्यूएस भारत में मर्सिडीज के लिए इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री बढ़ा रही है।