वर्ष 2025 के पहले छह महीनों में घरेलू यात्री वाहन (पीवी) की डिस्पैच यानी ढुलाई धीमी रही है, क्योंकि मारुति सुजूकी इंडिया, टाटा मोटर्स और ह्युंडै मोटर इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों ने बिक्री में गिरावट दर्ज की। हालांकि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और स्कोडा ऑटो इंडिया जैसी कंपनियों को नई पेशकशों की वजह से गिरावट के रुझान से बचे रहने में मदद मिली। उद्योग के अनुमानों के अनुसार जून में थोक बिक्री 6.4 प्रतिशत गिरकर 320,000 वाहन रह गई। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि महीने के दौरान खुदरा पंजीकरण भी 4.4 प्रतिशत घटकर 294,000 वाहन रह गया।
देश की सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माता मारुति सुजूकी इंडिया के लिए 2025 की पहली छमाही के दौरान डिस्पैच 2.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 880,730 वाहन दर्ज की गई। जून में यह 13.3 प्रतिशत गिरावट के साथ 118906 वाहन रही। जून में मारुति सुजूकी इंडिया की यूटिलिटी वाहन बिक्री में भी गिरावट आई और यह 52,373 से घटकर 47947 वाहन रह गई।
गिरावट के ट्रेंड पर टिप्पणी करते हुए टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, मई और जून में अत्यधिक वॉल्यूम दबाव था। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में यात्री वाहन उद्योग ने वॉल्यूम दबाव का अनुभव किया (विशेष रूप से मई और जून में) और मांग में निरंतर नरमी के साथ सपाट वृद्धि हुई। हालांकि इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट एक बेहतर स्थान के रूप में उभरा, जो मजबूत वृद्धि और ओईएम में नए ईवी मॉडल की पेशकश से प्रेरित था।
ह्युंडै मोटर इंडिया ने साल 2025 की पहली छमाही में 2,85,809 वाहनों के डिस्पैच में 7.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की। जून में कंपनी ने डिस्पैच में 12 फीसदी की तीव्र गिरावट दर्ज की और यह 44,024 वाहन रह गई।
इलेक्ट्रिक वाहनों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने मार्च के आसपास डीलरों को अपने इलेक्ट्रिक वाहन भेजना शुरू किया था, जिसने साल की पहली छमाही में 3,01,194 वाहनों की बिक्री में 20 फीसदी की वृद्धि देखी। जून में कंपनी ने बिक्री में 18 फीसदी की वृद्धि दर्ज की और वाहन बेचे।
इस रुझान को तोड़ते हुए महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने अपनी घरेलू बिक्री में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की क्योंकि कंपनी ने साल की पहली छमाही में 3,01,194 वाहन बेचीं। जून महीने में घरेलू बिक्री में 18 फीसदी की वृद्धि हुई और यह पिछले वर्ष की 40,022 इकाइयों की तुलना में 47,306 इकाइयों पर पहुंच गई।