इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन निर्माता एथर एनर्जी के मात्रा और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान देने से उसका शुद्ध का घाटा पिछले साल के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 में 151.2 फीसदी बढ़कर 864.5 करोड़ रुपये हो गया।
हीरो मोटोकॉर्प की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की आय पिछले साल के मुकाबले 336.6 फीसदी बढ़कर 1,783.6 करोड़ रुपये हो गई। भारत की सबसे बड़ी दो पहिया वाहन निर्माता हीरो मोटोकॉर्प की एथर एनर्जी में 37 फीसदी हिस्सेदारी है।
इस बाबत बिज़नेस स्टैंडर्ड के पूछे गए सवाल का एथर एनर्जी ने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि एथर अभी बिक्री बढ़ाने पर ध्यान दे रही है और वह यह मध्यम से दीर्घावधि में लाभप्रदता बनेगी। सरकार द्वारा हाल ही में सब्सिडी व्यवस्था में किए गए बदलावों के कारण कंपनी को इस साल मुनाफा कमाने की उम्मीद नहीं है।
जून से, भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की फेम 2 सब्सिडी को 15,000 रुपये प्रति किलोवॉट से घटाकर 10,000 रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया है। प्रति किलोवाट प्रोत्साहन को 5,000 रुपये कम करने के अलावा मंत्रालय ने अधिकतम सब्सिडी सीमा को भी वाहन की एक्स-फैक्टरी कीमत के 40 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया है।
इन बदलावों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में इजाफा कर दिया। एथर सहित अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों की सब्सिडी में कटौती के कारण बिक्री प्रभावित हुई। वाहन पंजीकरण के आंकड़ों के अनुसार, एथर ने अप्रैल और मई में क्रमशः 7,800 और 15,418 वाहनों की बिक्री की।
जून और जुलाई में सब्सिडी में कटौती होने के बाद कंपनी के वाहनों की बिक्री घटकर क्रमशः 4,596 और 6,671 रह गई। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी की हर महीने औसतन 7,042 गाड़ियां बेचीं।
हीरो मोटोकॉर्म ने वित्त वर्ष 2023 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि एथर एनर्जी को 29 मार्च, 2023 को भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से आईएफसीआई लिमिटेड से एक कारण बताओ नोटिस मिला है।
इसमें फेम 2 सब्सिडी और चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम दिशानिर्देशों के तहत कुछ मामलों के संबंध में जवाब मांगा गया है। हीरो ने कहा, ‘एथर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने 12 अप्रैल, 2023 को ऑटोमोबाइल रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) को एक विस्तृत जवाब भेजा है।’
एआरएआई एमएचआई के अधीन काम करता है। कारण बताओ नोटिस उन कंपनियों को जारी किया गया है जिन्होंने कथित तौर पर सब्सिडी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है जो उनके वाहनों में स्थानीय कलपुर्जों के एक खास फीसदा का उपयोग करना अनिवार्य बनाता है।