सात साल की नरम अवधि के बाद देश का वाणिज्यिक वाहन उद्योग वैश्विक महामारी से पहले का अपना शीर्ष स्तर फिर से हासिल करने को तैयार है। उम्मीद जताई जा रही है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान घरेलू बिक्री 10 लाख के आंकड़े तक पहुंच जाएगी। इस सुधार को हल्के वाणिज्यिक वाहनों से रफ्तार मिलेगी, जिनकी कुल बिक्री में लगभग 62 प्रतिशत हिस्सेदारी होने की संभावना है। इसका श्रेय ई-कॉमर्स के बढ़ते तंत्र तथा मझोले और छोटे शहरों में बढ़ते वेयरहाउसिंग को जाता है। यह सुधार वित्त वर्ष 2019 में महामारी से पहले के शीर्ष स्तरों की ओर वापसी दर्शाता है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के आंकड़ों के अनुसार वाणिज्यिक वाहन विनिर्माताओं ने वित्त वर्ष 19 के दौरान देश भर में 1,007,319 गाड़ियां डीलरों को भेजी थीं। सायम के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 25 में थोक बिक्री में 9,56,671 वाणिज्यिक वाहन भेजे गए। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष से 1.2 प्रतिशत कम रही।