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लेखक : संजीब मुखर्जी

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

मुफ्त राशन : राज्यों का बचेगा काफी धन

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत एक साल के लिए राशन की दुकानों पर मुफ्त गेहूं और चावल देने का फैसला किया है। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत खाद्य आपूर्ति पर अतिरिक्त सब्सिडी देने वाले राज्यों को वित्त वर्ष 2024 में भारी बचत हो सकती है। केंद्र सरकार एनएफएसए […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, कमोडिटी

केंद्र ने बचाया सब्सिडी और गेहूं का भंडार

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) खत्म करके और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाला अनाज पूरी तरह मुफ्त करके न सिर्फ खाद्य सब्सिडी (subsidy) का बोझ कम किया है, बल्कि इससे गेहूं का भंडार भी बचेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं बचने से सरकार कीमतें बढ़ने पर बाजार […]

आज का अखबार

New Year 2023: गरीबों को अगले एक साल तक मिलेगा मुफ्त राशन

नरेंद्र मोदी सरकार ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मुफ्त खाद्य वितरण का फैसला किया। इसके तहत राशन की दुकानों के माध्यम से करीब 81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का इसमें विलय करते हुए उस योजना के तहत […]

आज का अखबार, कमोडिटी

कृषि जिंस कारोबार पर एक साल और पाबंदी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने धान (गैर बासमती), गेहूं, चना, सरसों और इसके उत्पाद, सोयाबीन और इसके उत्पाद, कच्चे पाम ऑयल और मूंग के डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर एक और साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। नियामक ने महंगाई दर उच्च स्तर पर बने रहने की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को देर […]

अंतरराष्ट्रीय, आज का अखबार

चीन में कोविड बढ़ने से भारत की बढ़ी चिंता

निर्यातकों को चीन भेजी जाने वाली खेप में आगे और कमी आने की चिंता सताने लगी है, क्योंकि पड़ोसी देश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। अगर चीन में व्यापक स्तर पर लॉकडाउन होता है तो भारत के निर्यात के साथ ही आयात पर भी व्यापक असर हो सकता है। व्यापार संगठनों के मुताबिक […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, कमोडिटी

भारतीय किसान संघ की सरकार को चेतावनी, किसानों की मांगें समय से पूरी नहीं हुई तो आएगा संकट

नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार रामलीला मैदान में आयोजित एक रैली में आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी चार प्रमुख मांगें जल्द से जल्द स्वीकार नहीं की गईं तो राज्यों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को […]

अर्थव्यवस्था

क्या ज्यादा गरीबी वाले राज्य मनरेगा पर कम कर रहे खर्च?

केंद्र सरकार ने पूर्व ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। समिति को सरकार की प्रमुख योजना मनरेगा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना है, जिसमें वर्षों से चल रही इस योजना की गरीबी उन्मूलन में भूमिका, सरकारी ढांचे और व्यवस्था व खासकर व्यय के तरीकों […]

अन्य समाचार, आज का अखबार

गेहूं-चावल बिगाड़ रहे रसोई का बजट

मोटे अनाज की खुदरा महंगाई दर घटने का नाम नहीं ले रही है, भले ही कुल मिलाकर खाद्य महंगाई दर में नरमी आई है। खराब मौसम की मार से इन अनाज का उत्पादन घटा है, जिसके कारण ऐसा हो रहा है। नवंबर में मोटे अनाज की महंगाई दर अक्टूबर महीने के 12.08 फीसदी से बढ़कर […]

अन्य, आज का अखबार, भारत

सिर्फ 1 फीसदी किसान ही लेते हैं फसल मुआवजा

एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि पिछले तीन वर्षो में सिर्फ 0.4 फीसदी काश्तकारों को जमींदारों से तेलंगाना सरकार की बहुचर्चित रैयतु बंधु आय सहायता का हिस्सा प्राप्त हुआ। जबकि, केवल 1 फीसदी को फसल क्षति के लिए मुआवजा मिला। हालांकि, उनमें से 77 फीसदी को अंतिम समय में किसी न किसी तरह […]

अर्थव्यवस्था, कमोडिटी

रूस-यू्क्रेन युद्ध से बिगड़ा भारत का उर्वरक खपत संतुलन

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत में पहले से चल रही उर्वरक की असंतुलित खपत इस खरीफ सत्र में और अधिक असंतुलित हो गई है। इस असंतुलन की वजह से लंबे समय तक मिट्टी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका भी गहराने लगी है। 2019 के कोविड पूर्व अवधि की तुलना में इस बार […]

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