Opinion: मजबूत विकास के लिए संघवाद जरूरी
हर बड़े और विविधतापूर्ण देश में संघवाद राजनीतिक स्थिरता ही नहीं बल्कि आर्थिक विकास के लिए भी मायने रखता है। भारत जैसे विविधता वाले देश में अपेक्षित विकास नीतियां और कार्यक्रम बनाने के लिए प्रांतीय और उप प्रांतीय स्तर पर सत्ता के विकेंद्रीकरण में स्थानीय दशाओं का ध्यान रखना होगा और यह केंद्र के विकास […]
Opinion: वृद्धि में असमानता का भौगोलिक पहलू
बीते 30 वर्षों में देश के विभिन्न राज्यों में आय संबंधी असमानता तेजी से बढ़ी है। जिन राज्यों में प्रति व्यक्ति राज्य घरेलू उत्पाद (एसडीपी) 2019-20 में राष्ट्रीय औसत से ऊपर और नीचे था, उनका भौगोलिक विभाजन एकदम स्पष्ट है। अधिक आय वाले राज्य देश के दक्षिण, पश्चिम और पूर्वोत्तर में हैं जबकि कम आय […]
जलवायु अनुकूल विद्युत रणनीति का निर्माण
जलवायु परिवर्तन से निपटने की भारत की रणनीति में नाभिकीय ऊर्जा का विकास अत्यंत अहम तत्त्व होना चाहिए। बता रहे हैं नितिन देसाई जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन की 28वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप28) हाल ही में संपन्न हुई है। इस वार्ता में विवाद का मुख्य विषय था जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में […]
बिहार जाति सर्वेक्षण: अधिक समतापूर्ण भारत की ओर
बिहार का हालिया जाति सर्वेक्षण ऐसे आंकड़े मुहैया कराता है जो जाति और आर्थिक स्थिति को जोड़ते हैं। इससे पहले ऐसे आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। यह मुख्य रूप से तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है: जाति समूह में आय से जुड़ी गरीबी, सरकारी नौकरी वाले समूहों का अनुपात और जाति समूहों में शिक्षा का […]
कार्बन मूल्य की चुनौती और भारत का रुख
Carbon Pricing: वर्ष 2015 में हुए पेरिस समझौते के बाद से कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए बाजार आधारित उपाय तेजी से विस्तारित हुए हैं। विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार अब 73 राष्ट्रीय या उपराष्ट्रीय क्षेत्रों में उनका क्रियान्वयन किया जा रहा है या इसकी योजना बनाई जा चुकी है जो 11.66 […]
Opinion: लोकतंत्र में विपक्ष के विचारों का हो सम्मान
राजनीतिक व्यवहारों में सहृदयता और विपक्ष के प्रति सम्मान एवं सहिष्णुता लोकतंत्र की दो मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं। इस बात को रेखांकित कर रहे हैं नितिन देसाई यह 2011 की बात है जब विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में प्रकाशित तथ्यों के आलोक में मुझे भारतीय लोकतंत्र के उस बिंदु पर संक्षिप्त बयान देने के […]
Opinion: तेजी से बढ़ रहा जलवायु परिवर्तन का खतरा
वर्ष 2023 में जून और जुलाई में दर्ज औसत वैश्विक तापमान ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और 20 वर्ष पहले की तुलना में अब दोगुना वन क्षेत्र ऐसी घटनाओं से प्रभावित हो रहा है। वैश्विक स्तर पर समुद्र की सतह के […]
जलवायु अनुकूल विकास से जुड़ी विशिष्ट जरूरतें
जलवायु परिवर्तन एक बार फिर वैश्विक सहयोग के लिए अहम चुनौती बनकर उभर रहा है क्योंकि दुनिया भर में जलवायु से जुड़ी विपरीत गतिविधियां बढ़ रही हैं और इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि कार्बन उत्सर्जन में कटौती के मौजूदा प्रयास पर्याप्त नहीं साबित हुए हैं। आगामी दिसंबर में दुबई में होने वाली […]
बाजार अर्थव्यवस्था और सरकार का सहयोग
इस महीने एडम स्मिथ के जन्म को तीन सदियां हो जाएंगी। स्मिथ को पूंजीवादी बाजार अर्थव्यवस्था का सबसे प्रभावशाली आर्थिक सिद्धांतकार माना जाता है। ‘अदृश्य हाथ’ की अवधारणा ने कई लोगों के मन में यह भावना स्थापित कर दी है कि निजी मुनाफे से संचालित होने वाली बाजार अर्थव्यवस्था में कई सकारात्मक लाभ भी हैं, […]
जेनरेटिव एआई की चुनौतियां अपार, सुरक्षा को लेकर इसके प्रभाव पर छिड़ी बहस
दुनिया भर में प्रयोग करने योग्य आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) सॉफ्टवेयर के तेजी से उभार ने अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर एक व्यापक बहस छेड़ दी है। आमतौर पर हम जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं उसमें कोई स्वतंत्र रचनात्मकता नहीं दिखती है, उदाहरण के तौर पर लेखन से जुड़े सॉफ्टवेयर। हालांकि, […]









