
आवास निर्माण में मंदी और वृद्धि को
जोखिम
आवास बाजार मौद्रिक नीति के प्रसार का एक महत्त्वपूर्ण और अहम माध्यम है। ऊंची ब्याज दरों के कारण आवास मांग में कमी से समग्र आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आती है। विकसित बाजारों में यह बात खासतौर पर सही है जहां अचल संपत्ति कारोबार संगठित है। आवास न केवल आर्थिक मांग का एक अहम जरिया है […]

वैश्विक वित्तीय तंत्र और अनदेखी समस्याएं
बीते कुछ महीनों में ब्याज दर से जुड़ी अपेक्षाओं में तेजी से इजाफा हुआ और इसके साथ ही ‘दुर्घटनाओं’ मसलन फर्मों की नाकामी को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। ऐसा इसलिए कि यह बात वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकती है। आर्थिक ताकतें अक्सर स्वत: समायोजन कर लेती हैं। ब्याज दरों में इजाफे के साथ मुद्रास्फीति […]

क्या होंगे ग्लोबल ग्रोथ के अहम फैक्टर ?
उम्रदराज होती आबादी के कारण एशिया के समृद्ध देशों में पूंजी निर्माण कम हो सकता है। ऐसे में ग्लोबल ग्रोथ पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इस विषय में बता रहे हैं नीलकंठ मिश्र बीते तीन महीनों के दौरान हमने इस स्तंभ में एशियाई देशों के नागरिकों की बढ़ती उम्र के प्रभावों में से […]

जारी रहेगी बचत एशियाई देशों की बदौलत
बीते दो महीनों के दौरान इस स्तंभ में हमने एशिया की आबादी की बढ़ती आयु के दो अहम प्रभावों पर चर्चा की है: एक तो यह कि 10 बड़ी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं (चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, फिलिपींस, वियतनाम, थाईलैंड, कोरिया, मलेशिया और ताइवान) में जनांकीय बदलाव आर्थिक बदलाव की तुलना में अधिक तेजी से हो रहा […]

कामगारों की उपलब्धता से अधिक अहम होगी गुणवत्ता
हम श्रमिकों की आपूर्ति और बचत को लेकर एशिया की वृद्ध होती आबादी के प्रभाव का आकलन करने की परियोजना पर काम कर रहे हैं। इस परियोजना के पहले निष्कर्ष की चर्चा हमने पिछले महीने की थी। इसका सार यही था कि एशिया की दस बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (ए-10: चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, फिलिपींस, वियतनाम, थाईलैंड, […]