शहरी भारत का निर्माण
यह बात पूरी तरह स्वीकार्य है कि भारत को अपने नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने और बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए बहुत भारी निवेश की आवश्यकता है। निवेश की आवश्यकता आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी क्योंकि बहुत बड़ी तादाद में लोग शहरी इलाकों का रुख करेंगे और शहरीकरण की प्रक्रिया भी […]
संसद में चर्चा जरूरी
शुक्रवार को लोकसभा में वित्त विधेयक, 2023 बिना किसी चर्चा के पारित हो गया। इस विधेयक में लगभग 64 संशोधन थे। नई पेंशन योजना पर विचार करने के लिए वित्त मंत्री द्वारा समिति गठित करने जैसे निर्णय सामान्यतया विवाद का विषय नहीं बनते हैं। वित्त मंत्री के इस निर्णय का राजनीतिक महकमे के और शिक्षित […]
संतुलन बनाने का प्रयास
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की अध्यक्षता वाली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) ने बुधवार को फेडरल फंड दर के लक्षित दायरे को 25 आधार अंक बढ़ाकर सही निर्णय लिया। अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र की हालिया घटनाओं के बाद दरें तय करने वाली संस्था पर इजाफा रोकने का दबाव था क्योंकि उन […]
समुचित मूल्यांकन
सिलिकन वैली बैंक के पतन और क्रेडिट सुइस के खस्ता हालात ने बाजार के रुझानों में भारी अनिश्चितता पैदा की है। निवेशक वित्तीय क्षेत्र में पैदा हो रहे हालात को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनके कारण बड़े पैमाने पर समस्या पैदा हो सकती है। वित्तीय संकट की स्थिति में राजस्व वृद्धि में धीमापन आ सकता […]
व्यापक साझेदारी
भारत और जापान के रिश्तों की गहराई और व्यापकता को देखते हुए जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण है। आर्थिक क्षेत्र में दोनों देशों का रिश्ता ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहा है। जापान की कंपनियों ने भारत में भारी भरकम निवेश किया है और जापान की एजेंसियां अधोसंरचना विकास के लिए […]
संक्रमण से बचाव
क्रेडिट सुइस की आयु स्विस गणराज्य से महज कुछ ही वर्ष कम है और उसके पतन को समझ पाना कुछ स्तरों पर काफी मुश्किल है। अमेरिका के बैंकिंग क्षेत्र में उत्पन्न दिक्कतों (जिनकी शुरुआत सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) की नाकामी से हुई) और क्रेडिट सुइस पर उठ रहे सवालों के बीच कोई संबंध निकाल पाना […]
नेतृत्वकारी भूमिका
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के नेतृत्व में अचानक परिवर्तन देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा और परामर्श कंपनी की निरंतरता को प्रभावित नहीं करेगी। टीसीएस ने हमेशा उत्तराधिकार के लिए आंतरिक व्यवस्था को तरजीह दी है। मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) राजेश गोपीनाथन ने छह वर्षों तक कंपनी का नेतृत्व किया और उन्हें चार और वर्षों तक […]
गैर जरूरी प्रतिबंध
व्यापार घाटे में इजाफे ने सरकार को प्रेरित किया कि वह आयात पर सक्रियता से प्रतिबंध लगाए। वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण भारत का वाणिज्यिक वस्तु निर्यात फरवरी में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.8 फीसदी कम होकर 33.88 अरब डॉलर रह गया। चालू वित्त वर्ष में अब तक यानी अप्रैल से […]
आयात पर निर्भरता
द स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) के मुताबिक बीते पांच वर्षों (2018-22) के दौरान भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना रहा। वैश्विक हथियार आयात में 11 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत सऊदी अरब (9.6 फीसदी), कतर (6.4 फीसदी), ऑस्ट्रेलिया (4.7 फीसदी) और चीन (4.6 फीसदी) से आगे रहा। इस बीच रक्षा मंत्रालय […]
नीतिगत दुविधा
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय दायरे के ऊपरी स्तर से भी अधिक बनी रही। इसके लिए अन्य बातों के अलावा अनाज तथा दूध की कीमतों में इजाफा भी एक वजह है। फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 6.44 फीसदी रही जो जनवरी के […]









