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एयरटेल का जोर डेटा सेंटर पर

Last Updated- December 12, 2022 | 12:37 AM IST

भारती एयरटेल ने आज घोषणा की कि उसकी इकाई नेक्सट्रा अपने डेटा सेंटर कारोबार में विस्तार के लिए 2025 तक 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। नेक्सट्रा सात हाइपर स्केल डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे उसकी मौजूदा क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी। इससे कंपनी को पड़ोसी देशों से कारोबार आकर्षित करने और डेटा सेंटर के लिए भारत को क्षेत्रीय केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
एयरटेल बिजनेस के निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अजय चितकारा ने कहा कि यह निवेश आंतरिक संसाधनों, इक्विटी निवेश एवं डेट के जरिये किया जाएगा। प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल की नेक्सट्रा डेटा लिमिटेड में 25 फीसदी हिस्सेदारी है।
डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं क्लाउड की तैनाती में हो रही लगातार वृद्धि के मद्देनजर कंपनी ने अपने डेटा सेंटर में विस्तार करने की घोषणा की है। देश में 5जी सेवाओं के शुरू होने के साथ ही डेटा की खपत में उल्लेखनी वृद्धि होने के आसार हैं जिससे कंपनी के कारोबार को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। फिलहाल एयरटेल के पास 10 बड़े डेटा सेंटर और 120 छोटे डेटा सेंटर हैं जिनका कवरेज 70 शहरों तक है।
चितकारा ने कहा कि कंपनी के पास करीब 400 भारतीय एवं वैश्विक ग्राहक मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि साल 2017-18 के बाद कंपनी के राजस्व में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षित डेटा केंद्रों के परिचालन का हमारा अनुभव, उद्यम खंड में ब्रांड का गहरा ब्रांड विश्वास और ऐंड-टु-ऐंड डिजिटल परिवर्तन समाधान देने की क्षमता हमें भारत की आपस में जुड़ी हुई अर्थव्यवस्था की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में रखती है।’
डेटा सेंटर काफी बिजली खाते हैं और देशों ने अपनी वृद्धि को विनियमित करने के लिए विभिन्न दृष्टिकोण अपनाए हैं। जहां एक ओर सिंगापुर ने नए डेटा केंद्रों पर अस्थायी रोक लगा दी है, वहीं दूसरी ओर आयरलैंड में कुछ राजनीतिक दल भविष्य के सभी डेटा केंद्रों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
एयरटेल ने कहा कि वह हरित ऊर्जा काइस्तेमाल बढ़ा रही है और उसका उद्देश्य अपने समग्र ग्रीनहाउस उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से इन केंद्रों की बिजली जरूरत का 50 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करना है। कंपनी ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में निजी इस्तेमाल वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों को चालू कर दिया है और कई पर काम चल रहा है।
रियल एस्टेट क्षेत्र की सलाहकार जेएलएल की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय डेटा केंद्र उद्योग वर्ष 2020 तक की अपनी 447 मेगावाट की मौजूदा क्षमता से बढ़कर वर्ष 2023 तक दोगुने से भी ज्यादा 1,007 मेगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है। (डेटा केंद्र की क्षमता बिजली खपत के आधार पर मापी जाती है।) रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद है कि मुंबई और चेन्नई वर्ष 2021 से 2023 के दौरान इस क्षेत्र की कुल अतिरिक्त क्षमता वृद्धि का 73 प्रतिशत भाग संचालित करेंगे, जबकि हैदराबाद और दिल्ली एनसीआर जैसे अन्य शहर नए प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेंगे।
केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान देश के डेटा केंद्रों में तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश के उद्देश्य से प्रोत्साहन का प्रस्ताव कर रही है। कई राज्य सरकारें भी निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियों की शुरुआत कर रही हैं।

First Published - September 30, 2021 | 11:23 PM IST

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