जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने यहां पीटीआई को बताया कि आयोग यहां स्थित नवीन मंडी गेस्टहाउस में कैंप कार्यालय से कार्य करेगा। आयोग की पहली बैठक में प्रारंभिक कदमों और कार्रवाइयों के बारे में निर्णय किया जाएगा।
उन्हांेंने बताया कि आयोग यहां छह से आठ अक्तूबर तक मौखिक और लिखित बयानों पर विचार करेगा।
इस बात की जांच करने के लिए कि हिंसा को नियंत्रित करने में क्या कोई प्रशासनिक खामी थी, आयोग का गठन गत नौ सितम्बर को किया गया था। आयोग को अपनी रिपोर्ट दो महीने में सरकार को सौंपनी है।
न्यायमूर्ति विष्णु सहाय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं। गत महीने मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाके में हुई साम्प्रदायिक झड़पों में 62 लोग मारे गए थे और करीब 40 हजार लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए थे।