मध्यप्रदेश में अब तक मानसून की सामान्य वर्षा नहीं होने से बिजली की मांग बढ़ी है। वहीं राज्य में बिजली का संकट भी बढ़ गया है। हालांकि इस वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून तक पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक बिजली की आपूर्ति की गई है।
उर्जा विभाग के सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में सामान्य वर्षा नहीं होने की दशा में विद्युत की मांग पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी हुई है। इसके फलस्वरुप ताप विद्युतगृहों का वार्षिक रखरखाव कार्यक्रम भी पुनरीक्षित किया गया है।
पहली तिमाही में बिजली आपूर्ति अधिक होने से संभागीय तथा जिला मुख्यालय में 24 घंटे, तहसील मुख्यालय में पिछले वर्ष से अधिक तथा ग्रामीण क्षेत्र में औसतन ज्यादा बिजली का प्रदाय किया गया।
विद्युत उत्पादन कम्पनी ने भी प्रथम तिमाही में गत वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक उर्जा का उत्पादन किया है। इसी कारण पहली तिमाही में उपभोक्ताओं को 12 फीसदी ज्यादा बिजली की आपूर्ति की जा सकी है। वर्ष 2012-13 के माह अप्रैल में 34880. 9 लाख यूनिट का प्रदान की गयी, जो सात प्रतिशत ज्यादा है। वर्ष 2011-12 के अप्रैल माह में 32645. 9 लाख यूनिट विद्युत प्रदान की गई, जो गत वर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है।