मुजफ्फरनगर की एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को वर्ष 1999 में एक विचाराधीन कैदी की मौत के मामले में पूर्व जेल अधीक्षक सहित जिला जेल के आठ अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेश चंद अरिया ने कल पुलिस को यह निर्देश तब दिया जब पीडि़त के पुत्र ने आरोप लगाया कि उसके पिता चरण सिंह को जेल अधिकारियों ने जहर देकर मार दिया।
चरण सिंह के पुत्र ने कहा कि उसके पिता के मौत में आठ अधिकारी शामिल थे। इन आठ लोगों में जेल अधीक्षक आर एन त्रिपाठी, जेलर मुकेश कुमार, उप जेल अधीक्षक आर एन शर्मा, वार्डन अजित कुमार तिवारी, अशोक कुमार गुप्त, सतीश शर्मा और राकेश कुमार शामिल थे।
याचिका में कहा गया है कि पूर्व मेें एक मौत मामले की एक मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये गए थे जिसमें यह बात सामने आयी थी कि अधिकारियों ने लापरवाही बरती और कैदी को समय पर चिकित्सा मुहैया नहीं करायी।
याचिका में कहा गया है कि पीडि़त की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के शव में जहर पाया गया था। हालांकि अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
भाषा