मजबूत बिक्री वृद्धि और जगुआर लैंड रोवर (JLR) से दमदार प्रदर्शन के बावजूद बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता टाटा मोटर्स (Tata Motors) मार्च तिमाही के नतीजों से दलाल पथ को उत्साहित नहीं कर पाई। कंपनी का समेकित राजस्व 13 प्रतिशत बढ़ा, जो भारतीय परिचालन पर दबाव की वजह से अनुमान से कम रहा।
भारतीय वाहन व्यवसाय के राजस्व में 60 प्रतिशत योगदान देने वाले वाणिज्यिक वाहन (सीवी) सेगमेंट ने महज 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इस सेगमेंट में बिक्री 6 प्रतिशत तक घट गई। यह गिरावट एक साल पहले की तिमाही में ऊंचे आधार की वजह से आई, क्योंकि कंपनी को बीएस-6 के दूसरे चरण की वजह से पूर्व-खरीदारी से प्रेरित थी। ऊंची कीमतों और सुधरते उत्पाद मिश्रण के बावजूद, राजस्व में मामूली इजाफा दर्ज किया गया।
इसके विपरीत, यात्री वाहन (पीवी) व्यवसाय में एक साल पहले की तिमाही की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व में 19 प्रतिशत इजाफा हुआ। यात्री वाहन सेगमेंट के प्रदर्शन को स्पोर्ट यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) और कई पावरट्रेन विकल्पों के लिए मुख्य बदलावों से बढ़ावा मिला, जिससे मांग और बिक्री में भी वृद्धि हुई।
पेट्रोल-डीजन इंजन व्यवसाय के लिए परिचालन मुनाफा मार्जिन 10.3 प्रतिशत पर मजबूत रहा, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) व्यवसाय परिचालन स्तर पर भरपाई के चरण में पहुंच गया।
हालांकि घरेलू पीवी और सीवी सेगमेंट, दोनों में अल्पावधि मांग संबंधित कमजोरियों से चिंता पैदा हुई है। कंपनी को वित्त वर्ष 2025 में ऊंचे आधार और रेलवे से बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से सीवी सेक्टर के लिए वृद्धि सपाट से लेकर कमजोर रहने का अनुमान है।
नुवामा रिसर्च के शोध विश्लेषक रघुनंदन एन एल के अनुसार, ये कारक लागत में इजाफा कर सकते हैं, खासकर वैश्विक एवं घरेलू बाजारों में विपणन खर्च में वृद्धि हो सकती है।
चुनौतियों के बावजूद, कंपनी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के संदर्भ में आशान्वित बनी हुई है जिसकी वजह बेहतर जीडीपी वृद्धि परिवेश, निर्माण एवं कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगातार ध्यान दिया जाना है।
पीवी सेगमेंट में कंपनी ने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है और अपने एसयूवी पोर्टफोलियो में मजबूत प्रदर्शन किया, लेकिन मौजूदा परिदृश्य कमजोर बना हुआ है। कंपनी को इस साल पीवी उद्योग में 5 प्रतिशत से कम वृद्धि का अनुमान है, जिसकी वजह चुनाव आदि है।
ब्रोकरों का मानना है कि टाटा मोटर्स अपना मजबूत प्रदर्शन बरकरार रखेगी, क्योंकि उसे कैलेंडर वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में मझोले आकार की एसयूवी कर्व और अगले साल सिएरा की पेशकश से मदद मिलेगी। हालांकि संपूर्ण बिक्री वृद्धि और ईवी पोर्टफोलियो का अनुपात इस व्यवसाय के लिए आगामी मुनाफे के रुझान को तय करेगा।
कंपनी की ब्रिटिश सहायक इकाई जेएलआर के लिए परिदृश्य समान चुनौतियों से भरा हुआ है। जहां ब्रिटिश इकाई ने चौथी तिमाही और पूरे वर्ष में अपना सर्वाधिक राजस्व हासिल किया, वहीं ऑर्डर बुक में गिरावट से जुड़ी चिंताएं बढ़ी हैं और वित्त वर्ष 2025 में एक अंक की वृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है। ग्राहक जोड़ने की बढ़ती लागत से मुनाफा संबंधित चिंताएं बढ़ी हैं।
इन चुनौतियों के बावजूद, टाटा मोटर्स ने कर्ज घटाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। जहां जेएलआर के लिए सकल ऋण 5.8 अरब पौंड से तिमाही आधार पर घटकर 4.8 अरब पौंड रह गया, वहीं अक्टूबर दिसंबर तिमाही में शुद्ध कर्ज 1.57 अरब पौंड से घटकर 73.2 करोड़ पौंड रह गया। भारतीय वाहन परिचालन अब शुद्ध रूप से कर्ज-मुक्त है।
एमके रिसर्च के विश्लेषक चिराग जैन का मानना है कि कर्ज घटाने के प्रयास बरकरार हैं, लेकिन सभी व्यवसायों के लिए हालात ऐसे नहीं हो सकते हैं।
मौजूदा धारणा घटती ऑर्डर बुक, उत्पाद मिश्रण के सामान्य होने, जेएलआर में ग्राहक जोड़ने की ऊंची लागत के साथ साथ घरेलू सीवी सेगमेंट के लिए सपाट वृद्धि परिदृश्य और भारतीय पीवी के लिए नरम परिवेश की वजह से प्रभावित हुई है। एमके रिसर्च ने इस शेयर के लिए 950 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘घटाएं’ रेटिंग बरकरार रखी है।