नीति आयोग ने राज्यों को लघु और मध्यम अवधि के लक्ष्य तैयार करने के लिए कहा है। नीति आयोग ने ‘2047 तक विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ योजना के अंतर्गत विकास लक्ष्य पूरे करने के लिए यह रणनीति अपनाने के लिए कहा है। इनमें 2047 तक भारत को 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रमुख लक्ष्य के साथ ही 2030 और 2035 तक सटीक एवं पूरे किए जाने वाले लक्ष्य भी शामिल हैं।
2030 के लिए निर्धारित लक्ष्यों के तहत आधारभूत सुधारों, त्वरित सफलताओं, विशेष परियोजनाओं पर बदलाव के शुरुआती संकेतकों पर ध्यान केंद्रित किए जाएंगे। जहां तक मध्यम अवधि के लक्ष्यों का सवाल है तो नीति आयोग के दृष्टिकोण पत्र के अनुसार राज्यों को संस्थागत बदलाव, वृहद स्तर पर बुनियादी ढांचों के विकास, विभिन्न क्षेत्रों को प्रतिस्पर्द्धी बनाना और समावेशी सामाजिक बदलाव पर जोर देना होगा।
नीति आयोग की संचालन समिति की बैठक के बाद एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘तत्कालीन लक्ष्यों को ध्यान में रखने से केंद्र को यह जानने में मदद मिलती है कि किन मोर्चों पर राज्यों की मदद करनी है। यह रणनीति अपनाकर सामाजिक, भौतिक एवं डिजिटल ढांचे में विकास और लॉजिस्टिक के निर्यात से जुड़े विषयों पर अधिक लाभकारी चर्चा करने में मदद मिलती है।‘
आयोग के अनुसार अगले दो दशकों में भारत का आकार उसकी मौजूदा स्थिति की तुलना में लगभग 8 गुना हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि 2047 में भारत का जो स्वरूप दिखेगा उसका 80 प्रतिशत हिस्सा अगले दो दशकों में तैयार होगा। आयोग के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से ही यह संभव हो पाएगा। नीति आयोग द्वारा जारी दृष्टिकोण पत्र में कहा गया है, ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य पहली शर्त है।‘
गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य अपने दृष्टिकोण पत्र पहले ही तैयार कर चुके हैं और मध्यम अवधि के लक्ष्य निर्दारित कर लिए गए हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार शनिवार को नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक के दौरान अवसंरचना और लॉजिस्टिक पर कई राज्यों ने प्रमुखता से जिक्र किया था। पिछले केंद्रीय बजट में घोषित पूर्वोदय योजना में आने वाले राज्यों में ज्यादातर इस ढांचे में शामिल किए जा चुके हैं या शामिल कर लिए जाएंगे। बैठक के बाद आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम और सदस्य रमेश चंद ने कहा कि एक समिति (चंद की अध्यक्षता में) ने पूर्वोदय योजना के लाभार्थी राज्यों ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और आंध्र प्रदेश के लिए योजना रिपोर्ट तैयार की है।
चंद ने कहा, ‘राज्य अपनी प्रतिक्रियाएं एवं अपने सुझाव देंगे और हम 15 जून तक रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।‘
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूर्वोदय योजना के अंतर्गत लॉजिस्टिक की निर्बाध निर्यात नीति आयोग के लिए एक प्रमुख लक्ष्य रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बैठक में राज्यों के साथ चर्चा के दौरान निर्यात पर विशेष जोर दिया।
नीति आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस अवसर का लाभ उठाने और निवेश का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यूएई, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल में हुए व्यापार समझौतों का जिक्र किया और राज्यों से कहा कि उन्हें इनका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।‘
ढांचागत क्षेत्र के लिए योजना तैयार करने और चुनौतियों को दूर करने के लिए गति-शक्ति योजना के अधिक इस्तेमाल पर भी राज्यों के साथ चर्चा चल रही है।
नीति आयोग के लिए राज्यों की वित्तीय स्थिति एक प्रमुख विषय रहा है। आयोग ने पिछले छह महीनों के दौरान अपना पहला राजकोषीय सेहत सूचकांक जारी किया है जिसमें उसने पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों की वित्तीय स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक शोध परिषद के साथ मिलकर राज्य आर्थिक मंच की भी शुरुआत की। यह मंच राज्यों के पास उपलब्ध रकम का विश्लेषण करेगा और अपनी प्रतिक्रिया देगा।