PhonePe Q2 Results: फिनटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फोनपे ने वित्त वर्ष 2024 में अपना घाटा कम करके 1,996 करोड़ रुपये कर लिया है। यह वित्त वर्ष 23 में दर्ज 2,792 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में काफी कम है। बेंगलूरु की इस कंपनी के परिचालन राजस्व में सालाना आधार पर 1.7 गुना इजाफा हुआ है।
वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने परिचालन से 5,725 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो वित्त वर्ष 23 में अर्जित 3,085 करोड़ रुपये की तुलना में 85.5 प्रतिशत अधिक है। इस राजस्व में करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार से डिजिटल भुगतान सब्सिडी की रही।
कंपनी ने वित्त वर्ष 24 की अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा, ‘केंद्र सरकार डिजिटल भुगतान क्षेत्र को समर्थन देने के लिए बैंकों और डिजिटल भुगतान कंपनियों को यह सब्सिडी देती है। इस सब्सिडी का हमारे राजस्व में करीब 10 प्रतिशत का हिस्सा रहता है।’
कंपनी ने साल 2019 और 2024 के बीच अपने कैशबैक और प्रोत्साहनों में भारी कमी की है। वित्त वर्ष 2019 में उसने प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए रिवार्ड के रूप में 950 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निर्धारित की थी। वित्त वर्ष 24 में यह राशि घटकर 15 करोड़ रुपये से कुछ ही अधिक रह गई।
फोनपे का खर्च वित्त वर्ष 23 के 5,907 करोड़ रुपये के मुकाबले सालाना आधार पर 31.3 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 7,756 करोड़ रुपये हो गया। अकेले भुगतान प्रक्रिया शुल्क ही इसके कुल खर्च का करीब 15 प्रतिशत रहा और इसे 1,166 करोड़ रुपये आंका गया। इन बातों को देखते हुए ये खर्च वित्त वर्ष 23 में कुल खर्च का लगभग 11.3 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 23 के 667 रुपये की तुलना में ये खर्च लगभग दोगुने हो गए। फोनपे देश की रियल-टाइम भुगतान प्रणाली – यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है।