facebookmetapixel
भारत के नए उप राष्ट्रपति होंगे सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हरायासेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरें

शॉर्ट टर्म दबाव से यूपीएल की फीकी पड़ सकती है चमक

कुल मिलाकर कम कृषि रसायन कीमतों और स्टॉक खत्म होने से राजस्व में 19 प्रतिशत की गिरावट आई। जहां कुल बिक्री 7 प्रतिशत घटी वहीं कीमतों में 15 प्रतिशत तक की कमी आई।

Last Updated- November 19, 2023 | 11:05 PM IST
Stock Market Today

देश की सबसे बड़ी कृषि रसायन कंपनी यूपीएल के लिए जुलाई- सितंबर तिमाही कमजोर रही। कंपनी ने लगभग सभी इलाकों में राजस्व में बड़ी गिरावट दर्ज की।

कुल मिलाकर कम कृषि रसायन कीमतों और स्टॉक खत्म होने से राजस्व में 19 प्रतिशत की गिरावट आई। जहां कुल बिक्री 7 प्रतिशत घटी वहीं कीमतों में 15 प्रतिशत तक की कमी आई।

यूरोपीय बाजार में बिक्री में गिरावट ज्यादा भंडार और उत्पादों पर प्रतिबंध की वजह से आई जबकि भारत में 27 प्रतिशत की गिरावट कपास और दलहन जैसे क्षेत्रों के लिए कमजोर मांग के कारण थी। जिन सेगमेंटों ने अच्छा प्रदर्शन किया,उनमें टिकाऊ उत्पाद पोर्टफोलियो शामिल रहा जिसमें 11 प्रतिशत की तेजी आई।

बीज व्यवसाय भी एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 10 प्रतिशत तक बढ़ा। दूसरी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2024 के राजस्व अनुमान को सपाट से घटाकर 1-5 प्रतिशत की गिरावट के दायरे में कर दिया है। परिचालन मुनाफा वृद्धि भी शुरू के 3 से 7 प्रतिशत से घटाकर शून्य की गई है। मूल्य निर्धारण दबाव नाफ्टा क्षेत्र और ब्राजील में ज्यादा देखा गया।

कंपनी के अनुसार पेटेंट के बाद ऐक्टिव इंग्रिडिएंट कीमतों में भारी गिरावट और वितरकों द्वारा नकदी प्रबंधन की रणनीतियों में बदलाव के कारण उत्तर अमेरिका में राजस्व 57 प्रतिशत तक घट गया।

कमजोर राजस्व से मुनाफे पर दबाव पड़ा और भंडार पर ऊंची लागत का असर, खासकर नाफ्टा और लैटिन अमेरिका में बिक्री वापसी में तेजी और सहायक चैनल भागीदारों को छूट के कारण सकल मार्जिन सालाना आधार पर 520 आधार अंक तक घटकर 48.5 प्रतिशत रह गया।

कंपनी का परिचालन मुनाफा मार्जिन 655 आधार अंक घटकर 15.5 प्रतिशत रह गया। यूपीएल कॉरपोरेशन (यूपीएल की सहायक इकाई) के मुख्य कार्याधिकारी माइक फ्रैंक का कहना है, ‘भविष्य में हम वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में प्रदर्शन सुधरने की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि उत्तर अमेरिका, लैटिन अमेरिका और यूरोप के प्रमुख भूभागों में फसल कटाई सीजन शुरू हो चुका है। ज्यादा भंडारण स्तर में धीरे धीरे कमी आने का अनुमान है।’

First Published - November 19, 2023 | 11:05 PM IST

संबंधित पोस्ट