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Flipkart में प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व सदस्य की नियुक्ति का मसला वित्त मंत्रालय पंहुचा

इनगवर्न ने सीसीआई के पूर्व सदस्य को वालमार्ट की ई कॉमर्स फर्म फ्लिपकार्ट (Flipkart) में मार्च 2023 में भर्ती कि जाने को लेकर चिंता जताई है।

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पीरज़ादा अबरार   
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 06, 2023 | 11:09 PM IST

कॉर्पोरेट प्रशासन की सलाहकार संस्था इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज ने कहा है कि उसने वित्त मंत्रालय के कार्यालय और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को आधिकारिक रूप से शिकायत कर विश्वास के उल्लंघन को लेकर चिंता जताई है।

इनगवर्न ने सीसीआई के पूर्व सदस्य को वालमार्ट की ई कॉमर्स फर्म फ्लिपकार्ट (Flipkart) में मार्च 2023 में भर्ती कि जाने को लेकर चिंता जताई है। इसने कहा है कि सीसीआई टीम के प्रमुख सदस्य रहे अंकु शर्मा ने फ्लिपकार्ट की जांच की थी और उन्होंने मार्च 2023 में एंटी ट्रस्ट मामलों के विशेषज्ञ के रूप में फ्लिपकार्ट-वालमार्ट में पदभार संभाल लिया है।

इनगवर्न ने आरोप लगाया है कि शर्मा के पदभार संभालने से सीसीआई की जांच की निष्पक्षता को लेकर संदेह पैदा होता है और इससे इसकी सत्यनिष्ठा को खतरा पैदा होता है।

इनगवर्न ने आरोप लगाया है, ‘इस बात की ज्यादा संभावना है कि सीसीआई द्वारा की गई जांच में शर्मा के कार्यकाल के दौरा समझौता किया गया हो, जो सीसीआई की जांच टीम में शामिल थे।’ इसने कहा है कि पूरी कड़ी से बहुत ज्यादा संदेह पैदा होता है और जांच में पक्षपात को लेकर संदेह पैदा होता है और इस तरह से शर्मा के कार्यकाल के दौरान सीसीआई की पूरी जांच में संभवतः पूरी तरह समझौता किया गया होगा।

इनगवर्न ने आरोप लगाया है कि ई कॉमर्स दिग्गजों फ्लिपकार्ट-वालमार्ट और एमेजॉन के खिलाफ सीसीआई की चल रही पूरी जांच सवालों के घेरे में है। सीसीआई 2020 से ही ई-कॉमर्स कारोबारियों की जांच कर रहा है, जिसमें बाजार पर एकाधिकार और प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियां चलाना शामिल है। इनगवर्न ने एंटीट्रस्ट मसले पर नए सिरे से जांच की भी मांग की है।

इस मामले में फ्लिपकार्ट को भेजे गए ई मेल का कोई जवाब नहीं मिला है। शर्मा को मार्च 2021 से जनवरी 2022 के बीच भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में महानिदेशक कार्यालय में कानून विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। उसके बाद उन्होंने एक साल से ज्यादा समय तक कानून फर्म स्पाइस रूट लीगल में काम किया। फ्लिपकार्ट ने उन्हें इस साल मार्च में एंटीट्रस्ट मामलों के विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया था।

सूत्रों ने कहा कि सीसीआई में चेयरपर्सन या सदस्य के रूप में काम कर चुके लोगों को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद 2 साल तक ऐसे पद संभालने की अनुमति नहीं होती है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (शर्मा) जांच टीम में एक शोधकर्ता के रूप में ठेके पर काम किया था और उन्हें इस तरह के कूल आफ पीरियड का पालन करने की जरूरत नहीं है। कुल मिलाकर जांच अभी चल ही रही है। जांच में समझौता किया गया, यह कहना जल्दबाजी होगी।’

First Published : October 6, 2023 | 11:09 PM IST