टेस्ला (Tesla) की भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजना के संबंध में बढ़ते उत्साह के बीच सरकार ने आयात शुल्क रियायत की किसी भी संभावना को साफ तौर पर खारिज कर दिया है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने वाहन कलपुर्जा निर्माताओं के संगठन (एक्मा) के वार्षिक सम्मेलन में अपने संबोधन में सरकार के रुख पर जोर देते हुए इस बात की पुष्टि की है कि किसी भी वाहन कंपनी को तरजीह नहीं दी जाएगी।
मंत्री का यह बयान उन हालिया खबरों के मद्देनजर आया है, जो इस बात का संकेत देती हैं कि सरकार स्थानीय विनिर्माण में शामिल होने का वादा करने वाली वाहन विनिर्माता कंपनियों को आयात शुल्क में छूट के लिए तैयार की गई नीति पर काम कर रही है।
गोयल ने कहा ‘हर चीज बिना किसी भेदभाव या तरजीह के समान रूप से की जाएगी। यह ऐसी सरकार है, जो सभी को समान अवसर प्रदान करती है।’ उन्होंने कहा कि हम ऐसी नीति लेकर आएंगे, जो सभी हितधारकों के परामर्श से होगी।
गोयल ने इस बात पर भी जोर दिया कि टेस्ला पहले से ही भारतीय वाहन पुर्जों की प्रमुख खरीदार है। गोयल ने कहा कि पिछले साल टेस्ला द्वारा भारत से आयात किए गए एक अरब डॉलर के वाहन पुर्जों की तुलना में आयात की मात्रा लगभग दोगुनी होगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि टेस्ला ने पिछले साल भारत से एक अरब डॉलर के पुर्जे खरीदे थे। इस साल उनका लक्ष्य 1.7 से 1.9 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह (ईवी) भविष्य है। यह ऐसी चीज है, जिसे हमें आमंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए।
गोयल का बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब टेस्ला भारतीय बाजार में गहरी दिलचस्पी ले रही है। कंपनी किफायती ई-वाहनों के लिए विनिर्माण इकाई स्थापित करने के संबंध में सरकार के साथ बातचीत कर रही है।
टेस्ला द्वारा भारत में निवेश करने की योजना में बदलाव पिछले महीने अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मस्क की मुलाकात के कुछ सप्ताह के भीतर आया है। उस वक्त मस्क ने कहा था कि मुझे विश्वास है कि टेस्ला भारत में होगी और यथाशीघ्र ऐसा होगा।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार प्रधान मंत्री कार्यालय तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस बातचीत की अगुआई कर रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि अमेरिका की यह वाहन विनिर्माता अपनी स्थानीय विनिर्माण और आपूर्तिकर्ता श्रृंखला स्थापित करेगी। यदि प्रस्ताव परवान चढ़ता है, तो यह सरकार की मेक इन इंडिया योजना के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा।
वर्ष 2021 के दौरान टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगाए गए 100 प्रतिशत आयात कर में कमी की वकालत करते हुए भारतीय बाजार में प्रवेश की मांग की थी।