Stock Market: देसी इक्विटी बेंचमार्क बुधवार को नई ऊंचाई पर पहुंच गया जब अमेरिका में रोजगार के कमजोर आंकड़ों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद फिर से जगा दी।
सातवें दिन बढ़त के बाद सेंसेक्स (Sensex) ने 358 अंकों की छलांग से 69,654 पर कारोबार की समाप्ति की, वहीं निफ्टी (Nifty) 83 अंक चढ़कर 20,938 पर बंद हुआ।
अमेरिका में नई नौकरियां अक्टूबर में 2.5 साल के निचले स्तर पर चली गई। मंगलवार को अमेरिकी श्रम विभाग के जॉब ओपनिं ऐंड लेबर टर्नओवर सर्वे (जेओएलटीएस) रिपोर्ट से पता चला कि अक्टूबर में हर बेरोजगार व्यक्ति पर 1.34 रिक्तियां थीं, जो एक महीने पहले के 1.47 के मुकाबले ज्यादा है।
साथ ही यह अगस्त 2021 के बाद के निचले स्तर पर है। अक्टूबर में जॉब ओपनिंग 6.17 लाख घटकर 87.3 लाख रह गई, जो मार्च 2021 के बाद का निचला स्तर है। साथ ही यह सितंबर के 93.5 करोड़ के मुकाबले भी कम है।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक संकेत है कि उच्च ब्याज दरों ने कामगारों की मांग पर चोट पहुंचाई। साथ ही इस संभावना को भी बढ़ा दिया कि फेडरल रिजर्व की मौद्रिक सख्ती का चक्र समाप्त हो गया है।
ईसीबी के अधिकारियों का यह बयान कि हालिया महंगाई के आंकड़ों से ब्याज दरों में और बढ़ोतरी शायद ही होगी, इसने भी निवेशकों का सेंटिमेंट मजबूत किया।
ईसीबी के कार्यकारी बोर्ड सदस्य ईसाबेल संचाबेल का बयान तब आया जब यूरो वाले इलाकों मे उपभोक्ता कीमत में वृद्धि नरम होकर 2.4 फीसदी रह गई।
भारतीय इक्विटी में इस हफ्ते तेजी देखने को मिल रही है क्योंकि हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों और अगले साल होने वाले आम चुनाव में राजनीतिक निरंतरता जारी रहने की उम्मीद से निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल है। राज्य चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पांच में से तीन राज्यों में बहुमत के साथ विजय हासिल की है। ये नतीजे बाजार के अनुमान से बेहतर रहे।
पिछले हफ्ते जारी सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.6 फीसदी का विस्तार हुआ और इसने आरबीआई के 6.5 फीसदी के अनुमान को पीछे छोड़ दिया। विनिर्माण के लिए परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर में बढ़कर 56 पर पहुंच गया, जो अक्टूबर में 55.5 रहा था।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 80 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, वहीं देसी संस्थागत निवशकों ने 1,372 करोड़ रुपये की खरीदारी की। स्टॉक एक्सचेंजों के अस्थायी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
ऐक्सिस म्युचुअल फंड के सीआईओ आशिष गुप्ता ने कहा, भारत अब तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था भी है और इस रफ्तार से इस साल वह वैश्विक वृद्धि में 10 फीसदी का योगदान करेगा। आय परिदृश्य में सुधार, कंपनियों की दुरुस्त बैलेंस शीट और एफपीआई व डीआईआई की तरफ से मजबूत निवेश के सहारे भारत में अपनी वृद्धि की कहानी दोबारा लिख रहा है। हमारी राय में वृद्धि को और आगे ले जाने के लिए सही अवयव मौजूद हैं।
बाजार में आई तेजी की वजह से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 349 लाख करोड़ रुपये (4.3 लाख करोड़ डॉलर) पर पहुंच गया।