पॉलिकैब इंडिया, माइक्रोटेक डेवलपर्स, श्रीराम फाइनैंस और पावर फाइनैंस कॉर्प जैसी कंपनियों के शेयर मिडकैप से लार्जकैप में जा रहे है और यह म्युचुअल फंड उद्योग निकाय एम्फी की अर्धवार्षिक समीक्षा के बाद हुआ है। इस बीच, यूपीएल, अदाणी विल्मर, आईआरसीटीसी और पीआई इंडस्ट्रीज अपना-अपना लार्जकैप दर्जा गंवा सकती हैं।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के विश्लेषण के मुताबिक, मझगांव डॉक, सुजलॉन एनर्जी, लॉयड मेटल्स और एसजेवीएन स्मॉलकैप से मिडकैप में जा सकती हैं।
बाजार नियामक सेबी के ढांचे के मुताबिक, बाजार मूल्यांकन के लिहाज से 100 अग्रणी फर्मों को लार्जकैप माना जाता है, 101 से 250वें पायदान पर रहने वाली कंपनियां मिडकैप और 251वें नंबर और इसके बाद वाली कंपनियां स्मॉलकैप मानी जाती हैं।
म्युचुअल फंड उद्योग निकाय एम्फी जुलाई से दिसंबर की अवधि में कंपनियों के औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर शेयरों की नई सूची जारी करेगा। यह सूची जनवरी 2024 के पहले पांच दिनों में जारी होनी है।
नुवामा की तरफ से हुआ विश्लेषण जुलाई व सितंबर में शेयर कीमतों की चाल पर आधारित है। विश्लेषकों ने उन शेयरों का अनुमान लगाया है, जो अपग्रेड या डाउनग्रेड हो सकते हैं। मोटे तौर पर जो शेयर मिडकैप से लार्जकैप और स्मॉलकैप से मिडकैप में जाते हैं, उनमें उम्दा प्रदर्शन की प्रवृत्ति होती है।
नई सूचीबद्ध फर्मों में जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (जिसे रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग किया गया है) को लार्जकैप में शामिल किया जा सकता है। मंगलवार को सूचीबद्ध जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर को 150 मिडकैप में जगह मिल सकती है, वहीं पिछले तीन महीने में सूचीबद्ध अन्य दो दर्जन शेयरों को मिडकैप का दर्जा मिलेगा। शेयरों की अंतिम सूची बदल सकती है, जो समीक्षा अवधि के बाकी दो महीने में शेयर कीमतों की चाल पर निर्भर करेगी।