चालू वित्त वर्ष में प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) से सरकार को मिलने वाला राजस्व बजट अनुमान के भी पार जा सकता है। अप्रैल से सितंबर तक
सरकारी खजाने में सालाना अनुमान के 50 फीसदी से भी ज्यादा एसटीटी आ चुका है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि अंतरिम आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एसटीटी के मद में करीब 14,000 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। पूरे साल में 27,625 करोड़ रुपये पाने का लक्ष्य रखा गया है यानी आधे से ज्यादा रकम पहले ही आ चुकी है।
प्रतिभूति लेनदेन कर राजस्व में इजाफा मुख्य रूप से शेयर बाजार में तेजी और वायदा एवं विकल्प सौदों की बिक्री पर एसटीटी की दरें बढ़ाने से हुई है। साथ ही नए निवेशक आने से ट्रेडिंग गतिविधियों में तेजी आई है। इसका भी एसटीटी संग्रह बढ़ाने में योगदान रहा है।
पिछले कुछ वर्षों के कर संग्रह के रुझान को देखते हुए अधिकारियों को लगता है कि केंद्र के कुल कर राजस्व में प्रतिभूति लेनदेन कर का अच्छा खासा योगदान रहेगा। उक्त अधिकारी ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंजों पर नकद एवं डेरिवेटिव्स श्रेणियों में नए निवेशक आने से एसटीटी संग्रह में इजाफा हुआ है।
2023 के बजट में वायदा और विकल्प सौदों की बिक्री पर एसटीटी की दर में 25-25 फीसदी इजाफा कर दिया गया था। नया नियम 1 अप्रैल से लागू हुआ था और कर की बढ़ी दर के बावजूद सौदे की मात्रा में कमी नहीं आई, उलटे सौदे बढ़ गए। इसके अलावा 8 महीने में करीब 1 करोड़ नए निवेशकों के जुड़ने से भी कर संग्रह बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
अप्रैल से सितंबर के दौरान निफ्टी में करीब 13 फीसदी, निफ्टी मिडकैप में 35 फीसदी और स्मॉल कैप में 42 फीसदी की तेजी आई है। वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही के बाद यह बाजार का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार में तेजी और रिकॉर्ड संख्या में कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम आने से शेयरों की खरीद-बिक्री में भी इजाफा हुआ है, जिससे एसटीटी संग्रह में वृद्धि हुई है।
अधिकारी ने संकेत दिया कि चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान में वृद्धि हो सकती है और अगले वित्त वर्ष के लिए संग्रह के लक्ष्य में भी इजाफा होने की संभावना है।
पिछले 3-4 साल से यही स्थिति है। वित्त वर्ष 2023 में 20,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले 24,960 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। मगर बाद में लक्ष्य संशोधित करते हुए 25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। वित्त वर्ष 2022 में भी संग्रह के आंकड़ों में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई थी। उस साल केंद्र का बजट अनुमान 12,500 करोड़ रुपये था, जबकि वास्तविक प्राप्ति 23,191 करोड़ रुपये रही।
निफ्टी और सेंसेक्स लगातार नई ऊंचाई छू रहे हैं। ऐसे में अर्थव्यवस्था की बुनियादी सेहत पर उसके असर के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अखबार से बातचीत में कहा था कि इससे पता चलता है कि बड़े उद्योग और सूचीबद्ध कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इसलिए छोटे निवेशक बिल्कुल आश्वस्त दिख रहे हैं।
सरकार शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि से भी आश्वस्त है। इसमें कॉरपोरेशन एवं व्यक्तिगत कर दोनों शामिल हैं और 18 सितंबर तक इसमें 23.5 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई।