नैशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कोनराड के संगमा ने मंगलवार को लगातार दूसरी बार मेघालय के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। संगमा के साथ 11 विधायकों ने मंत्रिपरिषद् के सदस्यों के तौर पर शपथ ली। संगमा ने कहा कि उनका ध्यान ऐसे क्षेत्रों पर रहेगा, जो बड़े स्तर पर रोजगार प्रदान कर सकें। एनपीपी के प्रेस्टोन तिनसोंग और स्नियाभलंग धार ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जो सत्ता में आए गठबंधन में क्षेत्रीय दल की ताकत को रेखांकित करता है।
तिनसोंग पिछली सरकार में भी उपमुख्यमंत्री थे। मंत्री पद की शपथ लेने वालों में भाजपा के अलेक्जेंडर लालू हेक, यूडीपी के पॉल लिंगदोह तथा किरमेन श्याला और एचएसपीडीपी के शकलियर वर्जरी भी शामिल हैं। मेघालय के राज्यपाल फागू चौहान ने एनपीपी के आठ विधायकों, यूनाइडेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के दो विधायकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के एक-एक विधायक को राजभवन में मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नियम के अनुसार, मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री समेत 12 से अधिक मंत्री नहीं हो सकते। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी शामिल हुए। मोदी ने बाद में ट्वीट कर कहा, ‘कोनराड संगमा और उनकी मंत्रिपरिषद् के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। शपथ लेने वालों को बधाइयां। मेघालय को प्रगति की नयी ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए उन्हें शुभकामनाएं।’ गौर करने वाली बात है कि भाजपा ने संगमा सरकार को चुनाव से पहले ‘सबसे भ्रष्ट’ करार दिया था, लेकिन चुनाव के बाद सबसे पहले गठबंधन बनाने वाले दलों में भी शामिल थी।
एनपीपी हाल में हुए मेघालय विधानसभा चुनाव में 26 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। यूडीपी ने चुनाव में 11 सीट हासिल कीं, वहीं भाजपा, एचएसपीडीपी, पीडीएफ को दो-दो सीट मिलीं। इनके अलावा दो निर्दलीय सदस्यों ने संगमा को समर्थन दिया है।