वैश्विक निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन समूह को दिल्ली उच्च न्यायालय से राहत मिल गई है। राजस्व विभाग को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्लैकस्टोन समूह की इकाई के खिलाफ पुनर्मूल्यांकन की कार्रवाई को रद्द कर दिया है, जिसमें कर योग्य आमदनी पर कर भुगतान से बचने का आरोप है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मसले की फिर से जांच करें कि क्या सवालों के घेरे में आया लेन-देन, पूंजी खाते का लेन-देन था। सिंगापुर की इकाई ब्लैकस्टोन कैपिटल पार्टनर वीआई एफडीआई ने कथित रूप से एक भारतीय कंपनी एजाइल इलेक्ट्रिक सब असेंबली प्राइवेट लिमिटेट में शेयर की खरीद की थी। इसे लकेर आरोप लगा कि कर योग्य आमदनी पर कर भुगतान से बचने की कवायद की गई है।
आयकर विभाग ने पिछले साल जुलाई में नोटिस जारी कर सिंगापुर की इकाई से मामले को खोलने को कहा था। इस नोटिस को दरकिनार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि आकलन अधिकारी को अपना दिमाग लगाना चाहिए कि क्या याची द्वारा एजाइल के शेयरों में किया गया निवेश पूंजी खाते का लेन-देन था।